सौर मास 365 दिनों का होता है जबकि चंद्र मास 354 दिनों का होता है। इस अंतर के कारण तीन सालों में लगभग 11 दिन का अंतर होता है जो कि अधिक मास के रूप में जाना जाता है। इस आधार पर इस बार सावन दो महीने तक रहेगा। ये संयोग 19 साल बाद बन रहा है।
सावन 2023: हिंदू धर्म में सावन मास को सबसे ज्यादा पवित्र और शुभ माना जाता है। इस मास में भगवान भोलेनाथ को विशेष प्रेम रखा जाता है। प्रत्येक सोमवार को यहां भक्त व्रत और पूजा करके अपनी सभी इच्छाएं पूरी कर सकते हैं। कहा जाता है कि यदि भक्त सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा करें, तो वे अपने भक्तों की प्रसन्नता के साथ उनकी सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। साल भरत शिव भक्त इस मास की आगामी का बेसब्री से प्रतीक्षा करते हैं। इस बार, 4 जुलाई 2023 से सावन मास शुरू हो रहा है, जो 31 अगस्त 2023 को सावन पूर्णिमा के दिन समाप्त होगा। एक विशेष बात यह है कि 19 साल बाद पहली बार श्रावण मास में अधिक मास होने के कारण, आज सावन सोमवार व्रत और मंगला गौरी व्रत एक साथ हो रहे हैं, जो अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इस दिन भोलेनाथ अपने भक्तों पर अपार कृपा बनाए रखेंगे। इस बार सावन के चरणों में भक्तों को लगभग 59 दिन मिलेंगे, जहां वे भगवान शिव की पूजा करने के लिए समर्पित रहेंगे। यह एक लंबा सावन मास है।
जानें कब और कितने सावन सोमवार हैं:
- पहला सोमवार – 10 जुलाई
- दूसरा सोमवार – 17 जुलाई
- तीसरा सोमवार – 24 जुलाई
- चौथा सोमवार – 31 जुलाई
- पांचवा सोमवार – 07 अगस्त
- छठा सोमवार – 14 अगस्त
- सातवां सोमवार – 21 अगस्त
- आठवां सोमवार – 28 अगस्त
मंगला गौरी व्रत:
- पहला मंगला गौरी व्रत – 4 जुलाई 2023
- दूसरा मंगला गौरी व्रत – 11 जुलाई 2023
- तीसरा मंगला गौरी व्रत – 22 अगस्त 2023
- चौथा मंगला गौरी व्रत – 29 अगस्त 2023