साहित्य आज तक कोलकाता: कला और मनोरंजन का महाकुम्भ; अब आपके द्वार – एक सांस्कृतिक सफलता की ओर!

भारतीय साहित्य और कला की उच्चतम चरम सीमा को छूने के लिए तैयार हो जाएं, क्योंकि ‘साहित्य आज तक’ का यह सांस्कृतिक महोत्सव 17 और 18 फरवरी को कोलकाता में रौंगत में है! गुलजार सहित कई प्रमुख कलाकारों से लेकर यहां आपको मिलेगा साहित्य, संगीत, और कला का एक सुंदर संगम। मुफ्त रजिस्ट्रेशन के साथ आइए, हम सभी मिलकर भारतीय साहित्य और संस्कृति की ऊँचाईयों को छूने का संकल्प लें!

साहित्य आज तक भारतीय भाषा, साहित्य, कला, और मनोरंजन क्षेत्र का सबसे बड़ा मेला है। हर साल, भारत के प्रमुख हिंदी न्यूज चैनल ‘आज तक’ द्वारा आयोजित होने वाला यह साहित्यिक समारोह अब एक और बार मनोभाव से भरा हुआ है। इस वर्ष, ‘साहित्य आज तक’ कोलकाता में 17 और 18 फरवरी को आयोजित हो रहा है, जहां देश-दुनिया के कई कलाकार, कवि, और लेखक एकत्र होने वाले हैं।

गीत, संगीत, शायरी, कविता, नाटक, विचार, विमर्श और चिंतन के दिग्गज गुलजार, इस महासंगम के पीछे हैं, और इन्हें मिलकर इस समारोह को एक अद्वितीय अनुभव बना रहे हैं। ‘आज तक’ का उद्देश्य है आज की युवा पीढ़ी और आम जनता को भारतीय भाषा, कला, संगीत और संस्कृति से सीधे जोड़ना।

साहित्य आज तक ने न केवल ख़बरों के माध्यम से बल्कि साहित्य के माध्यम से भी जन-जन तक पहुंचने का प्रयास किया है, और इसमें सफलता भी प्राप्त की है। साहित्य के इस महाकुंभ के दौरान देश-दुनिया के मशहूर कवि, लेखक, कलाकार, संगीतकार, नाटककार, अभिनेता, रंगकर्मी, चिंतक और विचारक एक साथ इकट्ठा होते हैं।

साहित्य आज तक में साहित्य के साथ-साथ सुर, संगीत, और सार्थक संवाद भी होते हैं, जिनसे आत्मा को छूने वाला अनुभव होता है। यहां चिंतन और विचार की महफिलें सभी को समृद्धि और साहित्यिक आनंद का आभास कराती हैं।

महत्वपूर्ण विवरण:

  • तिथि: 17 और 18 फरवरी
  • स्थान: SWABHUMI – THE HERITAGE PLAZA, KOLKATA
  • पता: HCC3+R34, 89C, Narkeldanga Main Rd, Kadapara, Phool Bagan, Kankurgachi, Kolkata, West Bengal 700054
  • अधिक जानकारी के लिए विजिट करें:   https://www.aajtak.in/sahitya-aajtak/kolkata-2024

साहित्य आज तक के इस महाकुंभ में रजिस्ट्रेशन पर एंट्री मुफ्त है, जिससे सभी इच्छुक लोग इस साहित्यिक समारोह का अभिवादन कर सकते हैं। इस मेले में भारतीय साहित्य और संस्कृति के साथ जुड़ने का एक शानदार अवसर है, जो हम सभी को गर्वित होने का अनुभव कराता है।

इस महाकुंभ के माध्यम से हम सभी एक-दूसरे के साथ मिलकर अपनी भाषा, साहित्य, और संस्कृति के साझा संरचना में योगदान करने का संकल्प लेते हैं। साहित्य आज तक का यह समारोह न केवल एक आयोजन है, बल्कि यह एक आत्मबोधन भी है, जो हमें हमारी सांस्कृतिक धरोहर के प्रति समर्पित करता है।

आइए, सभी मिलकर ‘साहित्य आज तक’ के इस अद्वितीय सफर में शामिल होकर हमारे साहित्यिक धरोहर को और भी समृद्धि और गौरव में बढ़ावा दें।

(यह तमाम जानकारियां इंडिया टुडे की वेबसाइट से ली गई है)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *