नए संसद भवन पर RJD का विवादित ट्वीट, ताबूत से की तुलना…..राजद ने विवादित तस्वीर ट्वीट कर लिखा- ये क्या है?

नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर जहां उत्साह का माहौल है, वहीं इस मौके पर राजद ने एक विवादित ट्वीट किया है। राजद ने एक ताबूत की तस्वीर शेयर की है और इसकी तुलना ससंद भवन से कर डाली है। 

बिहार: नये संसद भवन के उद्घाटन से संबंधित राजनीतिक विवाद चरम पर हैं। इस विवाद को बढ़ाते हुए राष्ट्रीय जनता दल बिहार ने ट्विटर पर विवादास्पद फोटो पोस्ट की है। उन्होंने राजद के एक ताबूत की तस्वीर के साथ नये संसद भवन की तुलना करते हुए लिखा है कि ‘ये क्या है? कृपया बताएं राजद का यह ट्वीट ऐसे समय पर आया है, जब प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के नये भवन का उद्घाटन किया है। संसद के नये भवन के उद्घाटन पर राजनीति में भी बहुत चर्चा हुई है। कांग्रेस समेत 20 विपक्षी पार्टियां ने संसद के नये भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार किया है। राजद भी उन बहिष्कार करने वाली पार्टियों में शामिल है।

भाजपा ने इस पर पलटवार किया है। भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने राजद के ट्वीट को लेकर कहा है कि ‘आज एक ऐतिहासिक पल है और देश गौरवान्वित है। आप नजरबट्टू हैं और कुछ नहीं। छाती पीटते रहिए। 2024 में देश की जनता आपको इसी ताबूत में बंद करके गाड़ देगी और नये लोकतंत्र के मंदिर में आप को आने का मौका भी नहीं देगी। चलिए यह भी तय हुआ कि संसद देश की और ताबूत आपका।’

बिहार के भाजपा के नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि आज शायद सभी दलों के लोग संसद के नये भवन के उद्घाटन कार्यक्रम का बहिष्कार कर रहे हों, लेकिन कल से सदन की कार्यवाही वहीं से चलेगी। क्या राष्ट्रीय जनता दल ने यह निर्णय ले लिया है कि वे नये संसद भवन का स्थायी रूप से बहिष्कार करेंगे? क्या वे लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे? ताबूत का चित्र दिखाना इससे ज्यादा अपमानजनक कुछ नहीं है। सुशील मोदी ने कहा है कि जिन लोगों ने संसद के नये भवन की तुलना ताबूत से की है, उन्हें देशद्रोह का मामला दर्ज करना चाहिए।

भाजपा के नेता दुष्यंत गौतम ने राजद के ट्वीट पर कहा है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। क्या उन्होंने पुराने संसद भवन की तुलना ताबूत से करते हुए की है? क्या हम पहले ताबूत में बैठ रहे थे?

राजद ने स्पष्टीकरण दिया है। राजद के नेता शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि लोकतंत्र को दफन कर दिया गया है, इसलिए हमारे ट्वीट में ताबूत प्रतीकात्मक रूप में दिखाया गया है। देश इसे स्वीकार नहीं करेगा। संसद लोकतंत्र का मंदिर होती है और वहाँ चर्चाएं होती हैं।

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