कांग्रेस नेताओं ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शिरकत होने से मना कर दिया है। कांग्रेस आलाकमान के इस फैसले से पार्टी के कुछ नेताओं में नाराजगी है। गुजरात के कांग्रेस विधायक मोढवाडिया ने आलाकमान के फैसले पर आपत्ति जाहिर की है। वहीं कांग्रेस के इस फैसले पर पार्टी नेता आचार्य प्रमोद ने भी प्रतिक्रिया साझा की है।
राम मंदिर: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, और अधीर रंजन चौधरी शामिल नहीं होंगे। कांग्रेस ने बुधवार को इस समारोह को भाजपा और आरएसएस का इवेंट बताते हुए इसमें शामिल नहीं होने का निर्णय किया है।
कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के इस निर्णय से कुछ पार्टी के नेताओं ने असंतुष्टि जताई है। गुजरात के कांग्रेस विधायक अर्जुन मोढवाडिया ने इस फैसले पर आपत्ति जताई है।
कांग्रेस ने इस समारोह से अलगी है
उन्होंने सोशल मीडिया हैंडलों पर लिखा, “भगवान श्री राम हमारे आराध्य देव हैं। यह देशवासियों के आस्था और विश्वास का विषय है। कांग्रेस को इस प्रकार के राजनीतिक निर्णयों से दूर रहना चाहिए था।”
भाजपा ने कड़ा जवाब दिया
कांग्रेस ने निमंत्रण को ठुकराते हुए कहा कि यह आयोजना भाजपा के चुनावी लाभ के लिए हो रहा है। इसके खिलाफ, भाजपा ने कहा कि विपक्षी दल का दिमाग ठीक वैसा ही खराब है जैसा कि त्रेता युग में रावण का था। भाजपा ने आगे कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को बाहर करने वालों को जनता चुनाव में बाहर करेगी।
निमंत्रण को ठुकराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण: आचार्य प्रमोद
इस निर्णय पर कांग्रेस के नेता आचार्य प्रमोद ने भी अपनी प्रतिक्रिया साझा की है। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडलों पर लिखा, “राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और आत्मघाती निर्णय है, आज दिल टूट गया।”
बुधवार को कांग्रेस महासचिव ने एक पत्र जारी करते हुए कहा कि भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीयों द्वारा की जाती है। धर्म व्यक्तिगत विषय होता है, लेकिन यह अयोध्या में वर्षों से राजनीतिक मुद्दा बन चुका है। जयराम रमेश ने आगे कहा कि एक ‘अर्धनिर्मित मंदिर’ का उद्घाटन सिर्फ चुनावी लाभ के लिए किया जा रहा है।