बारिश का कहर जारी: पहाड़ों पर बादल फटने से तबाही, कुछ राज्यों को छोड़कर पूरे देश में रेड और यलो अलर्ट

पहाड़ों पर बादल फटने से हिमाचल प्रदेश में एक स्कूल समेत कई मकान बह गए हैं। देश के तटवर्ती इलाकों से लेकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति बनी हुई है।

देश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश और बाढ़ का कहर बुधवार को भी जारी रहा। पहाड़ों पर बादल फटने से हिमाचल प्रदेश में एक स्कूल समेत कई मकान बह गए। देश के तटवर्ती इलाकों से लेकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति बनी हुई थी।

हरियाणा में वर्षाजनित घटना में दो लोगों की मौत हो गई थी। पंजाब में इस मौसम में अब तक 41 लोगों की जान चली गई थी। दिल्ली में यमुना खतरे के निशाने के नीचे आ गई थी, लेकिन मौसम विभाग ने अगले दो दिन लगभग पूरे देश में कहीं भारी तो कहीं अत्यधिक भारी बारिश के लिए अलर्ट जारी किया था। इससे स्थिति बिगड़ने की आशंका से इन्कार भी नहीं किया जा सकता था।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़ और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अलग-अलग स्थानों पर अगले तीन दिन भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना जताई थी और ऑरेंज से यलो अलर्ट जारी किया था। इसी तरह मध्य महाराष्ट्र, कोंकण, गोवा, कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में 27 जुलाई को अत्यधिक भारी वर्षा के लिए रेड अलर्ट और 28 जुलाई को भारी बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था।

मुंबई में भारी बारिश हो रही थी और अगले दो दिन इसके जारी रहने का अनुमान था। रायगढ़ में बृहस्पतिवार तक सभी स्कूल बंद कर दिए गए थे। दक्षिण ओडिशा में भी जमकर बारिश हो रही थी। मलकानगिरी जिले में बाढ़ में बहने से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। तेलंगाना में भी बाढ़ की स्थिति खराब बनी हुई थी।

हिमाचल में नेशनल हाईवे बंद

शिमला जिले के रामपुर उपमंडल की सरपारा पंचायत के कंधार गांव में मंगलवार देर रात एक ही जगह दो बार बादल फटने के बाद आई बाढ़ में प्राथमिक पाठशाला, युवक मंडल का भवन सहित पांच मकान बह गए थे। सेब के बगीचों को नुकसान पहुंचा था। कई मवेशी भी बह गए थे। वहीं, ब्रॉनी और ज्यूरी में भूस्खलन से शिमला-किन्नौर नेशनल हाईवे बंद हो गया था। चंबा, कांगड़ा, सिरमौर, शिमला, बिलासपुर, हमीरपुर, कुल्लू, मंडी व किन्नौर जिले में अगले 24 घंटों के लिए बाढ़ का अलर्ट जारी किया गया था। लोगों को नदी-नालों के किनारे न जाने की हिदायत दी गई थी।

हरियाणा-पंजाब में भारी नुकसान

हरियाणा और पंजाब में बाढ़ग्रस्त करनाल, हिसार और रोहतक में भारी नुकसान हुआ था। कई बाजार, कॉलोनियों के साथ सैकड़ों एकड़ फसल पानी में डूबी थी। पानीपत जिले के सनोली के गांव गढ़ी बेशक में मस्जिद की दीवार के साथ छप्पर गिरने से दो लोगों की दबकर मौत हो गई थी। पंजाब में भी सतलुज के पानी से फाजिल्का में 1,500 एकड़ फसल डूब गई थी। फिरोजपुर के कई गांवों में बाढ़ की स्थिति बन गई थी। राज्य के 9 जिलों में मौसम विभाग ने भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था।

 

 

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