पीएम मोदी 14 जुलाई को फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस पर बास्तील दिवस परेड में शामिल होंगे। इसके बाद फ्रांसीसी पीएम, सीनेट और नेशनल असेंबली के अध्यक्षों के साथ-साथ फ्रांसीसी कंपनियों के सीईओ के साथ मुलाकात करेंगे। फ्रांस से लौटते वक्त 15 जुलाई को पीएम मोदी यूएई जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार सुबह दिल्ली से फ्रांस के लिए रवाना हुए। प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस के साथ-साथ यूएई का भी दौरा करेंगे। 13 और 14 को पीएम फ्रांस में रहेंगे। इस दौरान पीएम मोदी 14 जुलाई को फ्रांस के बास्तील दिवस परेड में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे। फ्रांस के बाद 15 जुलाई को पीएम मोदी यूएई जाएंगे।
फ्रांस के लिए रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने कहा कि हम लोग क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर साथ में काम करेंगे। मैं राष्ट्रपति मैक्रों से मिलने के लिए उत्सुक था। फ्रांस की प्रधानमंत्री एलिजाबेथ बोर्न, सीनेट अध्यक्ष जेरार्ड लार्चर और नेशनल असेंबली अध्यक्ष येल ब्रौन-पिवेट के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक था। मुझे विश्वास है कि यह यात्रा रणनीतिक साझेदारी को नई पहचान देगी।
भारतीय समुदाय से पहले दिन ही करेंगे मुलाकात। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के निमंत्रण पर पीएम मोदी आज फ्रांस के लिए रवाना हुए। मैक्रों पीएम मोदी के सम्मान में राजकीय भोज के साथ-साथ एक निजी रात्रि भोज की मेजबानी भी करेंगे। पीएम की फ्रांस यात्रा रणनीतिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करने के रूप में देखी जा रही है। फ्रांस दौरे पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों का जोर चीन पर निर्भरता कम करने के साथ ही बढ़ाने का रह सकता है। विदेश सचिव विनय मोहन यात्रा ने बताया कि पीएम मोदी छठी बार फ्रांस जा रहे हैं। वह बृहस्पतिवार दोपहर तक फ्रांस पहुचेंगे और शाम को भारतीय समुदाय के साथ भेंट करेंगे।
14-15 जुलाई का यह रहेगा कार्यक्रम। पीएम मोदी 14 जुलाई को फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस पर बास्तील दिवस परेड में शामिल होंगे। इसके बाद फ्रांसीसी पीएम, सीनेट और नेशनल असेंबली के अध्यक्षों के साथ-साथ फ्रांसीसी कंपनियों के सीईओ के साथ मुलाकात करेंगे। फ्रांस से लौटते वक्त 15 जुलाई को पीएम मोदी यूएई जाएंगे, जहां वे यूएई के शासक शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से चर्चा करेंगे। यह यात्रा ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने का मौका देगी। मुख्य अतिथि बनने वाले
दूसरे भारतीय पीएम होंगे मोदी। भारतीय पीएम को अपने राष्ट्रीय दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया जाना भारत और फ्रांस के गहरे होते रणनीतिक रिश्तों के अहम संकेत है। मोदी दूसरे भारतीय पीएम होंगे, जिन्हें फ्रांस ने मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया है। 2009 में मनमोहन सिंह को आमंत्रित किया गया था।
कारोबारी संबंध बढ़ाने पर जोर। भारत-फ्रांस के बीच गहरे रणनीतिक संबंध होने के बावजूद भी दोनों के बीच कारोबारी रिश्ता बहुत उत्साहजनक नहीं था। 2010 से 2021 तक दोनों देशों के द्विपक्षीय कारोबार में करीब 4 अरब डॉलर की वृद्धि हुई। वैश्विक स्तर पर दोनों देश रणनीतिक हित साझा करते हैं, इस लिहाज से दोनों देशों का जोर अब कारोबारी रिश्तों को बढ़ाने पर था।
परमाणु परीक्षण के वक्त भारत के साथ था फ्रांस। आजादी के बाद यूरोप में फ्रांस लंबे समय तक भारत का सबसे बड़ा साझेदार रहा। 1998 में दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों की शुरुआत हुई। इस वर्ष जब भारत ने परमाणु परीक्षण किए, तो अमेरिका सहित तमाम पश्चिमी देशों ने भारत पर प्रतिबंध लगाए। हालांकि, फ्रांस न केवल प्रतिबंधों से दूर रहा, बल्कि प्रतिबंधों को हटाने के लिए पूरी तरह से पैरवी करता रहा। इस तरह से बीते तीन दशक में भारत के लिए रूस के बाद फ्रांस सबसे बड़ा रणनीतिक साझेदार बनकर उभरा।
भारतीय सेना का साथ मिला तो गर्व से फूल उठा फ्रांसीसी सेना का सीना। फ्रांसीसी नेशनल डे (बास्तील दिवस) पर होने वाली परेड में इस साल भारतीय सेना के जवानों के शामिल होने से फ्रांसीसी सेना गर्व महसूस कर रही है। यह परेड दुनिया के सबसे खूबसूरत रास्तों में शामिल होगी, जो एवेन्यू शॉन्ज (चैंप्स) एलिसीज पर स्थित है। रिवाज के मुताबिक, भारतीय सेना के तीनों अंगों के वरिष्ठ अधिकारी परेड की रिहर्सल के लिए पेरिस में मौजूद हैं। फ्रांसीसी सेना का कहना है कि इस बार परेड में भारतीय सेना के जवानों और अधिकारियों का साथ मिलना उनके लिए गर्व की बात है।
गूंजेगा सारे जहां से अच्छा। परेड की अगुवाई कर रही पंजाब रेजिमेंट के सैनिक राजपूताना राइफल्स के बैंड की धुन पर परेड करेंगे। इस दौरान बैंड के सैनिक पाइप और ड्रम के जरिये सारे जहां से अच्छा… की धुन बजाएंगे। भारतीय सेना की पंजाब रेजिमेंट के सैनिक दोनों विश्व युद्ध में यूरोप के विभिन्न हिस्सों में लड़ चुके हैं।