पीएम ने यह भी कहा कि हमने जी-20 में अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्यता देने का प्रस्ताव रखा और मुझे पूरा विश्वास है कि सभी ब्रिक्स देश इस प्रस्ताव का समर्थन करेंगे। भारत 9 और 10 सितंबर को दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहा है और ब्रिक्स के सभी सदस्य देश जी-20 के भी स्थायी सदस्य हैं।
पीएम मोदी इन दिनों दक्षिण अफ्रीका में हैं। ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के संगठन ब्रिक्स के जोहानिसबर्ग में आयोजित 15वें शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने एक बार फिर वैश्विक दक्षिण की आवाज उठाई। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि भारत ब्रिक्स के विस्तार के पूर्ण समर्थन में है और इस बारे में सर्वसम्मति से लाए जाने वाले किसी भी प्रस्ताव का स्वागत करता है। ब्रिक्स को भविष्य की खातिर तैयार करने के लिए हमें अपने समाज को भी भविष्य के अनुरूप तैयार करना होगा और तकनीक इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इससे पहले, पीएम मोदी ने दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के पूर्ण सत्र में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स के सदस्य देशों के बीच पांच नए क्षेत्रों में और करीबी सहयोग का भी सुझाव दिया। इनमें पहला अंतरिक्ष, दूसरा शिक्षा, दक्षता विकास और तकनीक, तीसरा स्किल मैपिंग, चौथा बिग कैट (बाघ व इस परिवार के अन्य जानवर) और पांचवां पारंपरिक औषधि है।
जी-20 शिखर सम्मेलन में हम वैश्विक दक्षिण के देशों को दे रहे सर्वोच्च प्राथमिकता। पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपनी अध्यक्षता में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में वैश्विक दक्षिण के देशों को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रहा है। पीएम मोदी ने कहा, भारत एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य के मंत्र के साथ आगे बढ़ने का प्रयास कर रहा है। इस वर्ष जनवरी में वैश्विक दक्षिण शिखर सम्मेलन में 125 देशों ने हिस्सा लिया और अपनी चिंताओं और प्राथमिकताओं को साझा किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले दो दशकों में ब्रिक्स की यात्रा लंबी एवं शानदार रही है। ब्रिक्स के न्यू डेवलपमेंट बैंक ने वैश्विक दक्षिण की विकास गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पीएम ने उम्मीद जताई कि अफ्रीकी संघ को जी-20 का स्थायी सदस्य बनाने के भारत के प्रस्ताव का ब्रिक्स के सदस्य देश समर्थन करेंगे।
इस दौरान पीएम ने यह भी कहा कि हमने जी-20 में अफ्रीकी संघ को स्थायी सदस्यता देने का प्रस्ताव रखा और मुझे पूरा विश्वास है कि सभी ब्रिक्स देश इस प्रस्ताव का समर्थन करेंगे। भारत 9 और 10 सितंबर को दिल्ली में जी-20 शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहा है और ब्रिक्स के सभी सदस्य देश जी-20 के भी स्थायी सदस्य हैं। अफ्रीकन यूनियन अफ्रीका महादेश के 55 देशों का एक महत्वपूर्ण संगठन है। जी-20 में भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने कहा था कि अफ्रीकन यूनियन को सदस्यता देने के पीएम मोदी के प्रस्ताव को समूह के सदस्य देशों का व्यापक समर्थन हासिल हुआ है।
पीएम मोदी ने किया महात्मा गांधी का जिक्र। पीएम ने दक्षिण अफ्रीका के साथ महात्मा गांधी के संपर्क और दोनों देशों के ऐतिहासिक जुड़ाव की भी चर्चा की। उन्होंने कहा, महात्मा गांधी से संबंधित टॉलस्टॉय फार्म जोहानिसबर्ग से कुछ दूरी पर ही स्थित है। भारत, यूरेशिया और अफ्रीका को जोड़कर महात्मा गांधी ने हमारी एकता और तालमेल की मजबूत बुनियाद रखी थी।
दक्षिण अफ्रीकी राष्ट्रपति को दिया धन्यवाद। पीएम मोदी ने कहा, शानदार समारोह के लिए मैं राष्ट्रपति रामफोसा को धन्यवाद देता हूं। जोहानिसबर्ग जैसे सुंदर शहर में आना मेरे और मेरे प्रतिनिधिमंडल के लिए आनंद की बात है। भारत और भारतीयों का इस शहर से पुराना और गहरा नाता है।
जिनपिंग ने कही यह बात। ब्रिक्स के पूर्ण सत्र में प्रधानमंत्री मोदी के बाद बोलने वाले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी वैश्विक शासन को अधिक न्यायसंगत बनाने के लिए ब्रिक्स के तेजी से विस्तार पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमें ब्रिक्स परिवार में और अधिक देशों को शामिल करने के लिए ब्रिक्स विस्तार प्रक्रिया में तेजी लाने की जरूरत है ताकि वैश्विक शासन को और अधिक न्यायसंगत और न्यायसंगत बनाने के लिए हमारी ताकत और हमारी बुद्धि को एकजुट किया जा सके।
रामफोसा बोले- हम विचार कर रहे। वहीं, दक्षिण अफ्रीके के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने कहा कि ब्रिक्स सदस्य विस्तार पर विचार-विमर्श कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि हम आपस में चर्चा करके इस मामले का स्पष्ट समाधान निकाल लेंगे।
इन देशों ने दिखाई है विस्तार में दिलचस्पी। सऊदी अरब, इंडोनेशिया, ईरान, अर्जेंटीना और मिस्र उन देशों में से हैं, जिन्होंने ब्रिक्स में शामिल होने में भारी दिलचस्पी दिखाई है। वर्तमान में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका ब्रिक्स का हिस्सा हैं, जो दुनिया की लगभग 40 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं। ब्रिक्स वैश्विक अर्थव्यवस्था के 25 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता है।
गौरतलब है कि पीएम मोदी, जिनपिंग और रामफोसा के अलावा, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया।