प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जनवरी को देहरादून के दौरे पर हैं। पीएम के उत्तराखंड दौरे से एक दिन पहले राज्य में समान नागरिक संहिता यूसीसी लागू हो गया है। इसके साथ ही उत्तराखंड यूसीसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इसके लागू होने से राज्य में कई नियमों में बदलाव हुआ है। इसके अंतर्गत आने वाले कानून प्रदेश से बाहर रहने वाले उत्तराखंड के नागरिकों पर लागू होंगे। यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से शादी के रजिस्ट्रेशन से लेकर तलाक और अन्य नियम सभी धर्म और मजहब के लोगों पर एक समान लागू होंगे। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यूसीसी पोर्टल को भी लॉन्च कर दिया है।
जनता से किया वादा पूरा किया- पुष्कर सिंह धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मैं ये कहते हुए भावुक हूं कि उत्तराखंड में आज से यूसीसी लागू हो गया है। इसी पल से उत्तराखंड में सभी जाति धर्म की महिलाओं को समान न्याय की शुरुआत हो गई है। 2022 के चुनाव में हमने जो जनता से वायदा किया था उसे आज हम पूरा कर रहे हैं। अब से हलाला, बाल विवाह, बहु विवाह, इद्दत पर पूरी तरह से रोक होगी। किसी भी धर्म संप्रदाय को निशाने करने जैसा यूसीसी में कुछ नहीं है केवल कुप्रथाओं को प्रतिबंधित किया गया है।
निकाह पर कोई रोक नहीं- पुष्कर सिंह धामी
पु्ष्कर सिंह धामी ने कहा कि कई देशों में पहले से ही यूसीसीस लागू है। निकाह पर कोई रोक नहीं है जैसे पहले रस्म होती थी वैसे ही होंगी लेकिन सभी में न्यूनतम आयु लड़कियों के लिए 18 साल और लड़कों के लिए 21 साल की गई है। संपत्ति के अधिकार में बच्चों को बराबर का अधिकार होगा। चाहे वह लिव इन रिलेशनशिप से जन्मा बच्चा ही क्यों न हो। विवाह और तलाक दोनों में रजिस्ट्रेशन कराना होगा।