पाकिस्तान के हाल ही में हुए चुनावों में नतीजों की घोषणा में हुई असामान्य देरी का आरोप संचार समस्याओं को लेकर है। चुनावी ऊर्जा में देरी के पीछे सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए निवारक उपायों का बताया जा रहा है। इसके साथ ही, पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत के बावजूद, चुनावी प्रक्रिया में देरी के कारण सामाजिक-राजनीतिक चर्चाएं बढ़ रही हैं।
पाकिस्तान में हाल ही में संपन्न चुनाव के नतीजों की घोषणा में हुई असामान्य देरी के पीछे संचार की कमी को एक अधिकारी ने सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए निवारक उपायों का परिणाम बताया है।
शुक्रवार को चुनाव आयोग (ईसीपी) ने चुनाव के पहले नतीजों की घोषणा की, लेकिन इसमें असुविधा की देरी का जिक्र हुआ। चुनावों में धांधली, घोटालों और देशभर में मोबाइल फोन बंद करने के आरोपों के बीच, वोटिंग के खत्म होने के दस घंटे बाद ही नतीजों की घोषणा की गई।
मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, ‘चुनावी नतीजों में देरी का कारण संचार की कमी है जो कि सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए निवारक उपायों का परिणाम था।’ उन्होंने आगे कहा कि चुनावी नतीजों में देरी को लेकर मीडिया और जनता की चिंताओं की समीक्षा की जाएगी।
चुनावी नतीजों में देरी के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी, तहरीक-ए-इंसाफ के निर्दलीय उम्मीदवारों ने सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। ईसीपी ने अबतक आधिकारिक तौर पर खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा के केवल चार परिणाम अपलोड किए हैं, जिनमें सभी सीटें पीटीआई के निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीती हैं। चुनाव आयोग ने नेशनल असेंबली या अन्य प्रांतों का रिजल्ट अभी तक अपलोड नहीं किया है, हालांकि प्राइवेट मीडिया चैनलों ने बताया है कि पीटीआई के निर्दलीय उम्मीदवार फिलहाल आगे हैं।