No-Confidence Motion: पीएम मोदी आज लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर देंगे जवाब, विपक्ष को मिलेगा सवाल का जवाब

रक्षा मंत्री और सासंद राजनाथ सिंह ने बुधवार को बताया था कि पीएम मोदी 10 अगस्त को संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे। इस दौरान पीएम मोदी विपक्ष द्वारा एनडीए सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देंगे। बता दें, 26 जुलाई को मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था।

दिल्ली: मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था, और आज पीएम मोदी उसका जवाब देंगे। इसकी पुष्टि केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने एक दिन पहले की थी। चर्चा का आज तीसरा दिन है, और उम्मीद है कि पीएम मोदी इस दौरान विपक्ष पर प्रतिक्रिया देंगे। मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, शाम के चार बजे पीएम मोदी सदन में अपने प्रतिवदन को पेश करेंगे।

रक्षा मंत्री और सांसद राजनाथ सिंह ने बताया कि पीएम मोदी ने 10 अगस्त को संसद में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इस मौके पर पीएम मोदी विपक्ष द्वारा एनडीए सरकार के खिलाफ दिए गए अविश्वास प्रस्ताव का जवाब देंगे। जुलाई के 26 तारीख को विपक्ष ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार लिया था। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मंगलवार को इस प्रस्ताव पर बहस आरंभ की थी।

यहाँ तक कि अविश्वास प्रस्ताव का कैसे काम करता है, यह राजनीतिक जानकारों के अनुसार बताया जा सकता है। सदन में विश्वास प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद, चर्चा की जाती है और विपक्ष सरकार की कमियों को उजागर करता है। सत्ता पक्ष के सदस्य इस पर उत्तर देते हैं और अंत में मतदान होता है। यदि अविश्वास प्रस्ताव सफल होता है, तो सरकार गिर जाती है।

भाजपा के खिलाफ दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव पेश

दूसरी बार भाजपा के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जा रहा है, जिसमें एनडीए के कुल 331 सांसदों में से 303 सांसद भाजपा के हैं। विपक्षी खेमें में केवल 144 सांसद हैं और अन्य 70 सांसद अन्य पार्टियों से संबंधित हैं। पीएम मोदी की सरकार को पहली बार संसद में अविश्वास प्रस्ताव 2018 में आंध्र प्रदेश के मुद्दे पर पेश किया गया था।

अमित शाह ने गिनाए पीएम मोदी के काम

रक्षा मंत्री अमित शाह ने बताया कि पीएम मोदी ने विपक्ष के आलोचनाओं का समाधान करने के लिए कई कदम उठाए हैं। वे बताए कि सरकार ने मणिपुर हिंसा के बाद त्वरित कदम उठाए जैसे कि 36,000 सीएपीएफ कर्मियों को तुरंत राज्य में भेजा, वायुसेना की मदद ली, मुख्य सचिव और डीजीपी को बदला, नए सलाहकार को भेजा और शीघ्र ही हिंसा के बाद कार्रवाई की गई।

 

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