नए संसद भवन को लेकर जमकर सियासत हो रही है। इसको लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि, नया संसद भवन नहीं बनना चाहिए था। सरकार पुराना इतिहास बदलना चाहती है। पीएम मोदी 28 मई रविवार दोपहर 12 बजे नए संसद भवन का इनॉगरेशन करेंगे।
पटना, बिहार: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के बहिष्कार के बाद नीति आयोग की बैठक से भी दूरी बनाई I नीतीश कुमार ने केंद्र की बीजेपी सरकार को घेरते हुए कहा कि सत्ता में बैठे लोग आजादी की लड़ाई के इतिहास को बदल देंगे, मुझे बहुत बुरा लग रहा है I
उन्होंने आगे कहा कि नीति आयोग की बैठक और नए संसद भवन के उद्घाटन में शामिल होने का कोई मतलब नहीं था I इतना ही नहीं सीएम नीतीश कुमार ने नए संसद के निर्माण पर सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर नई संसद की क्या जरूरत थी, कल जो दिल्ली में कार्यक्रम हो रहा है वो बेकार कार्यक्रम है, उसका कोई मतलब नहीं है I मैंने बार-बार कहा है कि सत्ता में बैठे लोग इस देश के इतिहास को बदलने की कोशिश कर रहे है, वो पूरा इतिहास ही बदल देंगे I आप जान लीजिए जो शासन में हैं, वो सारे इतिहास को बदल देंगे I आजादी की लड़ाई के इतिहास को भी बदल देंगे I
वहीं पलटवार करते हुए बीजेपी ने कहा कि नीतीश कुमार पीएम नरेंद्र मोदी की नजरों से बचना चाह रहे हैं, वो अगर बैठक में जाते तो उनसे नजर कैसे मिला I नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार को इस बैठक में शामिल होना चाहिए था लेकिन उनके नहीं जाने से बिहार के विकास में बाधा पहुंचेगी, अगर वो नीति आयोग की बैठक में शामिल होते तो बिहार के विकास के लिए जो जरूरी नीतियां है, उस पर चर्चा होती I
लेकिन, नीतीश कुमार की मंशा बिहार का विकास करना नहीं है..इसी कारण हो नीति आयोग की बैठक से दूरी बना रहे हैं I जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर से अधिकृत करने पर भी मंत्रिमंडल सदस्य को बैठक में शामिल होने की अनुमति नहीं देने को असंवैधानिक बता दिया I उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार के साथ कभी भी इंसाफ नहीं किया है I