उत्तर प्रदेश में बीते दो दिनों से हो रही भारी बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। धान, अरहर और हरी सब्जियों की फसलों पर जलभराव और तेज़ हवाओं से संकट मंडरा रहा है। जानें, मौसम विभाग की अगली चेतावनी और अगले 48 घंटों में मानसून के कमजोर पड़ने के आसार।
उत्तर प्रदेश में मानसून की मार: किसानों की चिंता और मौसम का मिज़ाज
उत्तर प्रदेश में पिछले दो दिनों से लगातार मानसून छाया हुआ है, जिससे प्रदेश के पूर्वी और तराई क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश का सिलसिला जारी है। विशेषकर धान, अरहर, मूंगफली और हरी सब्जियां उगाने वाले किसानों के लिए यह भारी बारिश किसी संकट से कम नहीं है। खेतों में जलभराव की वजह से उनकी फसलों को भारी नुकसान होने की संभावना है। किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ़ देखी जा सकती हैं, क्योंकि तेज़ हवाओं और अत्यधिक बारिश से उनकी मेहनत बर्बाद होने का डर है।
तराई क्षेत्रों में कहर बरपाता मानसून
शनिवार को यूपी के तराई क्षेत्रों जैसे महराजगंज, बस्ती, गोरखपुर, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर और आस-पास के इलाकों में बारिश ने ज़ोरदार दस्तक दी। 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पूर्वी हवाएं चलीं, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई। लोगों को मानसून की ठंडक का एहसास हुआ, पर साथ ही भारी बारिश ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दीं। मौसम विभाग ने पूर्वी यूपी, तराई और अवध क्षेत्र के 30 से अधिक जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
लखनऊ में रुक-रुक कर बारिश का सिलसिला
लखनऊ में भी पिछले दो दिनों से रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी है। शनिवार को तेज़ हवाओं के चलते तापमान में गिरावट दर्ज की गई और दिन का अधिकतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। मौसम वैज्ञानिक एम दानिश के मुताबिक रविवार को भी राजधानी में हल्की बूंदाबांदी की संभावना है, लेकिन सोमवार से मौसम साफ होने की उम्मीद है।
मौसम का भविष्य: बारिश होगी कमज़ोर
मौसम विभाग के अनुसार, रविवार को प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश होने के आसार हैं। इसके बाद मानसून धीरे-धीरे कमजोर पड़ने की संभावना है। हालांकि, प्रदेश के कुछ हिस्सों में अगले दो दिनों तक छिटपुट बारिश जारी रह सकती है, जिससे आम जनजीवन पर मामूली असर पड़ेगा।
मेरी राय
उत्तर प्रदेश में मानसून की यह स्थिति किसानों के लिए चिंता का विषय है। कृषि उत्तर प्रदेश की रीढ़ है और ऐसी अप्रत्याशित मौसमीय परिस्थितियां फसलों पर विपरीत प्रभाव डाल सकती हैं। सरकार को इस समय किसानों की मदद के लिए तत्काल राहत योजनाओं पर काम करना चाहिए ताकि उनका नुकसान कम किया जा सके। इसके साथ ही, मौसम विभाग की ओर से सटीक पूर्वानुमान और तैयारियों की जानकारी दी जाए, जिससे किसान अपने फसल प्रबंधन में कुछ राहत पा सकें।