मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को राज्य के चार दिवसीय विधानसभा सत्र के आखिरी दिन को संबोधित करते हुए भारत के खोए हुए गौरव को फिर से हासिल करने का वादा करते हुए कहा कि उनकी सरकार यह साबित करेगी कि उज्जैन वैश्विक प्रधान मध्याह्न रेखा है और इस बात पर जोर दिया जाएगा कि दुनिया का समय सही करो।”
मुख्यमंत्री ने कहा,“जब से हमारी सरकार बनी है, हम ऐसे कई एजेंडों को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। 300 वर्ष पूर्व भारतीय समय मानक को विश्व में मान्यता मिली थी। लेकिन, जब हम गुलाम बने तो समय का मानक पेरिस में तय हुआ। फिर, 250 वर्षों तक जब अंग्रेज शक्तिशाली हो गए, तो वे इसे पेरिस से ग्रीनविच ले गए।”
यादव ने कहा,“जीव केवल दो प्रकार के होते हैं: एक जो सूर्योदय से अपनी दिनचर्या शुरू करते हैं, और दूसरे जो रात्रिचर होते हैं। लेकिन कौन से जीव आधी रात को अपनी दिनचर्या शुरू करते हैं? तो ये किसने तय किया कि रात 12:00 बजे दिन बदल जाएगा? ये एक पैमाना है जो हम पर थोपा गया है। यह एक ऐसा पैमाना है जिसका इस्तेमाल भारतीय संस्कृति को कमजोर करने की कोशिश के लिए किया गया है। ” उन्होंने आगे कहा कि उनकी सरकार “दुनिया में देश के साथ-साथ सनातन संस्कृति का सम्मान बढ़ाने” के लिए भी काम कर रही है।
यह बयान कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह द्वारा एम पी के सीएम को राज्य में “भारतीय मानक” के अनुसार समय निर्धारित करने के सुझाव के बाद आया है। इस पर तुरंत ही विपक्ष में हंसी आ गई। मुख्यमंत्री यादव ने कहा, ”यही मानसिकता है जिसने हमें पीछे रखा।” उन्होंने कहा कि उनकी सरकार भारत को उसका खोया हुआ गौरव वापस पाने में मदद करने के लिए काम करेगी।
इससे पहले दिन में मुख्यमंत्री ने कहा था कि भाजपा का घोषणापत्र रामायण और गीता जैसा है और आश्वासन दिया कि पिछली सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाएं जारी रहेंगी। यादव ने वरिष्ठ भाजपा विधायक कैलाश विजयवर्गीय द्वारा पेश किए गए धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब में कहा, “पिछली सरकार द्वारा चलाई जा रही ‘लाडली लक्ष्मी’ से लेकर अन्य सभी योजनाएं जारी रहेंगी और लाभार्थियों के खातों में तय तारीख पर धनराशि स्थानांतरित कर दी जाएगी।”
मुख्यमंत्री यादव ने कहा“संकल्प पत्र (घोषणापत्र) हमारे लिए गीता और रामायण की तरह है और इसे पूरा किया जाएगा। कोई भी सरकारी योजना बंद नहीं की जायेगी। हमने उनके लिए धनराशि निर्धारित की है।”
उन्होंने कहा कि 2000 साल पहले उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने अयोध्या जाकर राम मंदिर बनवाया था। उन्होंने कहा कि इसका जिक्र हाल ही में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। उन्होंने आश्वासन दिया कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार 22 जनवरी को राम मंदिर उद्घाटन के लिए अयोध्या दौरे की सुविधा प्रदान करेगी।