मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग की जमीन पर बनी मजारों की वैधता जांचने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मजारों को देखरेख करने वालों को नोटिस दिया जाए। यदि वैधता साबित नहीं होती है तो उन्हें तोड़ दिया जाए। सीएम ने कैंची धाम में पहाड़ी परिक्षेत्र के अनुरूप पायलट पार्किंग बनाने की भी बात कही
देहरादून, उत्तराखंड: उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने मजार जिहाद पर बड़ा फैसला लिया है I अब उन अधिकारियों और कर्मचारियों को चिह्नित किया जा रहा है, जिनके कार्यकाल में वन विभाग की जमीन पर मजार बनाई गई, इसके लिए पुरानी तस्वीरों से वर्तमान जगह का मिलान किया जाएगा I
मुख्य वन संरक्षक वन पंचायत और सामुदायिक वानिकी और अतिक्रमण मामले देख रहे नोडल अधिकारी डॉ. पराग मधुकर धकाते ने कहा कि सरकारी जमीनों पर मजार जिहाद के मामले में अब उन अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी गाज गिरेगी, जिनके कार्यकाल में ये अवैध निर्माण हुआ है I
बता दें कि उत्तराखंड में मजार जिहाद के खिलाफ सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश की वन भूमि को मजार जिहाद से मुक्त करने के लिए संकल्प लिया है I लैंड जिहाद से वन भूमि को मुक्त कराने के लिए सरकार का बुलडोजर ताबड़तोड़ कार्रवाई कर रहा है I धामी सरकार अब प्रदेश की एक-एक इंच जमीन का हिसाब जुटाने में लग गई है I
इसी कड़ी में प्रदेशभर में अवैध कब्जों पर कार्रवाई का सिलसिला भी जारी है I उत्तराखंड में अप्रैल महीने से वन भूमि क्षेत्र में अतिक्रमण कर बनाए गए अवैध धार्मिक स्थलों को ध्वस्त किए जाने की कार्रवाई की जा रही है Iअब तक पूरे राज्य में 335 मजारों को ध्वस्त किया जा चुका है, जबकि 39 मंदिरों को जंगलात की भूमि से हटाया गया है I सीएम धामी पहले ही कह चुके है कि अतिक्रमणकारी या तो पहले ही बनाए गए अतिक्रमण को हटाने ले, अन्यथा सरकार फिर खुद इस काम को अंजाम देगी I