कोलंबो: श्रीलंका की आर्थिक स्थिति इस वक्त बेहद खराब है, श्रीलंकाई सरकार देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है I
इसी बीच श्रीलंका को लेकर एक नई खबर सामने आई है, श्रीलंका ऐसा पहला एशियाई देश बनने जा रहा है जिसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की तरफ से ‘गवर्नेंस डाइग्नोस्टिक एक्सरसाइज’ में रखा जाएगा I इसका उद्देश्य प्रभावी शासन व्यवस्था और कानून के शासन की स्थापना में निरंतर सुधार और प्रगति का आकलन करना होता है I आइएमएफ ने मंगलवार को कहा कि इसके तहत वो देश में भ्रष्टाचार और शासन के कमजोर बिंदुओं की पहचान करेगा, आपको बता दें कि आइएमएफ ने सोमवार को श्रीलंका को आर्थिक संकट से उबरने के लिए तीन अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को मंजूरी दी है, आइएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने अपनी विस्तारित कोष सुविधा के तहत 48 महीने के लिए इसे मंजूर किया है I श्रीलंका के लिए जिम्मेदार आइएमएफ के वरिष्ठ अधिकारी पीटर ब्रेउएर ने कहा कि हम ईएफएफ समर्थित प्रोग्राम के मुख्य स्तंभ के रूप में भ्रष्टाचार रोधी और शासन सुधार के महत्व पर जोर दे रहे हैं, श्रीलंका के लोगों को सुधारों से कठिन परिश्रम से प्राप्त लाभ सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है I