प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) के रूप में एक बड़ा कदम उठाया है, जो सिल्क रूट के समान है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्ज्वल भविष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है जब उन्होंने भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारा (आईएमईसी) के रूप में एक महत्वपूर्ण योजना का एलान किया। उनका कहना है कि यह रेशम मार्ग (सिल्क रूट) के समान एक बड़ा गेम चेंजर हो सकता है। पिछले साल, भारत ने आईएमईसी को लेकर G20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी, जिसमें एक समझौता हुआ था।
प्रधानमंत्री ने एक इंटरव्यू में आईएमईसी के बारे में कहा, ‘खाड़ी देशों ने सकारात्मक भूमिका निभाई है, जिसमें अमेरिका और यूरोप ने भी भारत का समर्थन किया है। G20 में, सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, पीएम नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के हाथ मिलाने की तस्वीरें विश्व स्तर पर सुर्खियों में रहीं। जब हम वैश्विक भलाई के लिए काम करते हैं, तो कोई अगर-मगर की बात नहीं होती। हम दुनिया को अपने साथ ले सकते हैं और मेरी यही कोशिश थी।’
उन्होंने जोड़ा, ‘ग8 और G20 की उत्पत्ति के पीछे की कहानी और उनके उद्देश्यों की व्याख्या के साथ बातचीत की। जिन मुद्दों के लिए इनका गठन किया गया है, हमें उन मुद्दों से कभी भटकना नहीं चाहिए।’
बाइडन और मोहम्मद बिन सलमान के हाथ मिलने के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि वे दोनों नेताओं के साथ मित्रता बनाई है। ‘हमने आईएमईसी पर काम किया है, जो सिल्क रूट की तरह एक बड़ा गेम चेंजर होने जा रहा है। खाड़ी देशों की सकारात्मक और सक्रिय भूमिका थी।’
यह एक बड़ा कदम है जिसे भारत, अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, फ्रांस, जर्मनी, इटली, और यूरोपीय संघ ने समझौता किया है।