अयोध्या में भगवान राम के मंदिर पर नेताओं की बहस हो रही है। इसमें चिराग पासवान, तेजस्वी यादव, चंद्रशेखर और गिरिराज सिंह जैसे नेता शामिल हैं। यहाँ बात हो रही है मंदिर की उपेक्षा के मुद्दे पर और सनातन धर्म के विरुद्ध विचारधारा पर। नेताओं के बीच मतभेद है और इससे राजनीतिक गहराई में उलझन है।
अयोध्या में बन रहे भगवान राम के भव्य मंदिर पर आरजेडी नेताओं की टिप्पणी पर चिराग पासवान नाराज हो गए हैं। उन्होंने कहा है कि इन नेताओं की सोच से सनातन को कैसे समाप्त किया जा सके, इस पर विचार किया जा रहा है। एलजेपी चीफ ने हिंदुओं की आस्था पर बार-बार सवाल करने पर गुस्सा निकाला है, कहते हुए कि इन नेताओं की चुप्पी दिलचस्प है।
अयोध्या में राम मंदिर को लेकर बिहार के नेताओं के बीच तीखी बहस जारी है। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा है कि मंदिर के साथ-साथ अस्पताल और स्कूलों को भी महत्वपूर्ण माना जाना चाहिए। बिहार सरकार के मंत्री चंद्रशेखर ने भी मंदिरों पर सवाल उठाते हुए कहा है कि मंदिर का रास्ता अंधकार का रास्ता है, जबकि स्कूलों का रास्ता प्रकाश का मार्ग है। इसके बावजूद, आरजेडी नेताओं पर चिराग पासवान ने भी आलोचना की है।
चिराग पासवान ने कहा है कि इंडिया गठबंधन के सदस्य दलों की यह सोच है कि देश की बड़ी आबादी की आस्था के साथ कैसे खिलवाड़ किया जा सकता है। उन्होंने आलोचना की है कि इन दलों ने सनातन धर्म को समाप्त करने की साजिश की है और इसे कठिनाई में डालने का प्रयास किया जा रहा है। चिराग पासवान ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण मानते हुए कहा है कि सनातन को कैसे खत्म किया जा सके, इस पर गहरा विचार किया जा रहा है।
इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी इस मुद्दे पर राय दी है। उनका कहना है कि इंडिया अलायंस के लोगों को सनातन का विरोध करना भारी पड़ेगा। उन्होंने यह भी जताया है कि इन लोगों को वोट बटन दबाने के बाद भी चुप कर देना चाहिए, इससे उनकी दुकानें बंद हो जाएंगी। गिरिराज सिंह ने सनातन और हिंदू लोगों के साथ इस प्रकार के तर्क को नकारात्मक बताया है और इसे सुनियोजित साजिश का हिस्सा माना है।