हिमाचल न्यूज़ : मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने आज प्रागपुर उप-तहसील को एक तहसील में स्तरोन्नत करने तथा देहरा तहसील के चलाली तथा समनोली पटवार मण्डलों को प्रागपुर तहसील में मिलाने की घोषणा की।
उन्होंने कांगड़ा जिले के प्रागपुर क्षेत्र के नक्की गांव में ‘सरकार गांव के द्वार’ कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने परागपुर के लिए 11.32 करोड़ रुपये की चार परियोजनाओं का उद्घाटन किया, जिनमें चनौरिया बस्ती के माध्यम से मंडवाड़ा-करोल सड़क, बाबा बालोटू मंदिर-सुकर-दादरी लिंक रोड, नलसुहा खड्ड पर एक पक्की सड़क लगबलियाना और सेहरी खड्ड और डांगरा सिद्ध रोड के माध्यम से बनी-प्रागपुर रोड पर दो पुल शामिल हैं।
उन्होंने रक्कड़ में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को फिर से खोलने के लिए 1 करोड़ रुपये, दादासीबा कॉलेज के लिए 1 करोड़ रुपये, कोटला कॉलेज के लिए 3 करोड़ रुपये, रक्कड़ कॉलेज के लिए 6 करोड़ रुपये, दादासीबा में संयुक्त कार्यालय भवन के लिए 1 करोड़ रुपये, 25 रुपये की घोषणा की। सलेटी में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के लिए लाख रुपये, सलेटी में स्वास्थ्य केंद्र के लिए 20 लाख रुपये, कुहना में फार्मेसी कॉलेज के शैक्षणिक ब्लॉक के लिए 2 करोड़ रुपये और टैरेस में आईटीआई के लिए 1 करोड़ रुपये।
सुक्खू ने दादासीबा पुलिस चौकी को पुलिस स्टेशन में अपग्रेड करने, रक्कड़ कॉलेज, कोटला बेहड़ कॉलेज और दादासीबा कॉलेज में बीबीए और बीसीए पाठ्यक्रम शुरू करने, नलसुना और कलोहा के सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में अगले शैक्षणिक सत्र से विज्ञान और वाणिज्य पाठ्यक्रम शुरू करने की भी घोषणा की।
उन्होंने कहा कि प्रागपुर में स्वास्थ्य केंद्र के नए भवन, पठानकोट-चिंतपूर्णी बस सेवा को फिर से शुरू करने, टैरेस-शिमला वाया कोटला रात्रि बस सेवा शुरू करने, शिमला-प्रागपुर बस सेवा मार्ग को स्यूल खड्ड तक विस्तारित करने के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराया जाएगा। और कोटला बीहड़ में सड़कों का निर्माण।
मुख्यमंत्री ने शगुन योजना के तहत 10 लाभार्थियों को 31,000 रुपये के चेक भी प्रदान किये। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा आयोजित राजस्व लोक अदालतों में 65,000 म्यूटेशन मामलों का निपटारा किया गया है। अकेले कांगड़ा जिले की राजस्व लोक अदालतों में अब तक 15,362 नामांतरण और 742 बंटवारे के मामले निपटाए जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन के कारण आज प्रत्येक हिमाचलवासी पर एक लाख रुपये से अधिक का कर्ज है।