16 दिन 384 घंटे बाद मिली नयी ज़िन्दगी , सुरंग से बाहर निकलते ही सी एम धामी ने लिया हालचाल

ध्वस्त सिल्क्यारा सुरंग के प्रवेश द्वार पर 41 एम्बुलेंस स्टैंडबाय पर हैं, जो श्रमिकों को निकटतम चिकित्सा सुविधा तक ले जाने के लिए तैयार हैं।त्वरित और संगठित प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए एक ग्रीन कॉरिडोर स्थापित किया गया है, जिससे बचाए गए श्रमिकों को सुरंग से 30 किमी दूर स्थित चिन्यालीसौड़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक जल्दी पहुंचाया जा सके।

सुरंग की ओर जाने वाली सड़क, जो पिछले दो हफ्तों से लगातार भारी वाहनों के आवागमन के कारण ऊबड़-खाबड़ है, की मरम्मत मिट्टी की एक ताजा परत से की जा रही है ताकि एम्बुलेंसों का निर्बाध आवागमन संभव हो सके।बचाव मार्ग से श्रमिकों के निकलने पर निकासी प्रोटोकॉल को तेजी से लागू करने के लिए सुरंग की परिधि पर सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि श्रमिकों व उनके परिजनों के चेहरे की ख़ुशी ही मेरे लिये इगास-बगवाल..हम सभी के लिए अत्यंत हर्ष का विषय है कि सिलक्यारा (उत्तरकाशी) में निर्माणाधीन टनल में फंसे सभी 41 श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है। सभी श्रमिक भाइयों का अस्थाई मेडिकल कैम्प में प्रारंभिक स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।

 

प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में संचालित इस चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन में पूरी ताक़त से जुटी केंद्रीय एजेंसियों, सेना, अंतर्राष्ट्रीय एक्सपर्ट्स एवं प्रदेश प्रशासन की टीमों का हृदयतल से आभार।प्रधानमंत्री से हम सभी को एक अभिभावक के रूप में मिले मार्गदर्शन एवं कठिन से कठिन स्थिति में उनके द्वारा प्रदान की गई हर संभव सहायता, इस अभियान की सफलता का मुख्य आधार रही।

17 दिनों बाद श्रमिक भाइयों का अपने परिजनों से मिलना अत्यंत ही भावुक कर देने वाला क्षण है।

 

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