पीएमओ की ओर से जारी बयान में बताया गया है कि इस परियोजना को लगभग 2,700 करोड़ रुपये की लागत से एक राष्ट्रीय परियोजना के रूप में विकसित किया गया था।
दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (26 जुलाई) दिल्ली के प्रगति मैदान में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-सम्मेलन केंद्र (आईईसीसी) परिसर को राष्ट्र को समर्पित किया। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने बताया कि यह दुनिया के अग्रणी प्रदर्शनी और सम्मेलन परिसरों में से एक था। इस परिसर में सितंबर में जी-20 नेताओं की बैठक प्रस्तावित थी।
पीएमओ ने जारी बयान में बताया कि इस परियोजना को लगभग 2,700 करोड़ रुपये की लागत से एक राष्ट्रीय परियोजना के रूप में विकसित किया गया था। इसमें लगभग 123 एकड़ के परिसर क्षेत्र के साथ, आईईसीसी परिसर भारत के सबसे बड़े एमआईसीई (बैठकें, प्रोत्साहन, सम्मेलन और प्रदर्शनी) गंतव्य के रूप में विकसित किया गया है। सरकार ने जनवरी, 2017 में प्रगति मैदान के पुनर्विकास के लिए भारत व्यापार संवर्धन संगठन (आईटीपीओ) के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए राष्ट्रीय राजधानी में विश्वस्तरीय आईईसीसी स्थापित करने पर सहमति जताई थी।
पीएमओ ने कहा कि देश में बैठकों, सम्मेलनों और प्रदर्शनियों की मेजबानी के लिए एक विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार करने संबंधी प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण ने प्रगति मैदान में आईईसीसी की अवधारणा को मूर्तरूप दिया था।
कन्वेंशन सेंटर भवन का वास्तुशिल्प डिजाइन भारतीय परंपराओं से प्रेरित है। इमारत का आकार शंख के जैसा था। ‘जीरो टू इसरो’ ने भारत की अंतरिक्ष में उपलब्धि को दर्शाया। इसके साथ ही, पंचमहाभूत आकाश, वायु, अग्नि, जल व पृथ्वी तत्व के सार्वभौमिक आधार को भी रेखांकित किया गया था। यह बनाया गया था ताकि यहां बैठकर 7,000 लोग विभिन्न आयोजनों का आनंद ले सकें और एम्फीथिएटर में 3,000 लोग बैठ सकें। इसके समान ऑस्ट्रेलिया के प्रसिद्ध सिडनी ओपेरा हाउस की बैठक क्षमता 55,00 थी।