उत्तर-पश्चिम भारत में बाढ़ और भूस्खलन का कहर: फसलों और इंफ्रास्ट्रक्चर को हुआ भारी नुकसान

उत्तर-पश्चिम भारत के राज्यों जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हाल ही में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण तबाही मच गई है। बादल फटने की घटनाओं ने फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया है और महत्वपूर्ण सड़कों और राष्ट्रीय राजमार्गों को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया है।

जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में हाल ही में बादल फटने की दो घटनाएं हुई हैं। इन घटनाओं में किसी प्रकार के जानमाल का नुकसान तो नहीं हुआ है, लेकिन अचानक आई बाढ़ के कारण फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है और एक राष्ट्रीय राजमार्ग भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है।

भारी बारिश और भूस्खलन के कारण उत्तराखंड समेत उत्तर-पश्चिम भारत के तीन प्रमुख पहाड़ी राज्यों में सात राष्ट्रीय राजमार्ग सहित लगभग 300 सड़के बंद हो गई हैं। तीन राष्ट्रीय राजमार्गों पर घंटों तक यातायात प्रभावित रहा। हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में बाथड़ी खड्ड के तेज बहाव में पांच बच्चे बह गए, जिनमें से दो बहनों समेत तीन बच्चियों की मृत्यु हो गई है। दो अन्य की तलाश जारी है। मौसम विभाग ने सोमवार को 22 राज्यों के लिए यलो अलर्ट और पूर्वी राजस्थान समेत तीन राज्यों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के पूह में बादल फटने की घटना ने किन्नौर का स्पीति से संपर्क तोड़ दिया है। प्रदेश में कम से कम 288 सड़कें भूस्खलन और बारिश के कारण बंद हैं। कांगड़ा शहर के पास समेला में रेलवे ट्रैक भी बह गया है। जम्मू संभाग में भी लगातार बारिश हो रही है। किश्तवाड़ में बादल फटने से बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे कुछ फसलों को नुकसान पहुंचा है। उत्तराखंड के छिनका में मलबा आने से बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग भी बंद हो गया।

बिहार की राजधानी पटना में रविवार को मूसलधार बारिश के बाद विधानसभा परिसर और मंत्रियों के घरों में पानी भर गया। अस्पताल और अन्य स्थानों पर भी जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

पंजाब के 12 जिलों में भी पिछले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश हुई है। इनमें पठानकोट, होशियारपुर, नवांशहर, कपूरथला, और जालंधर शामिल हैं। मोहाली में सीवरेज ओवरफ्लो के कारण एयरपोर्ट की ओर जाने वाले मार्ग पर लोगों के घरों में पानी भर गया, जिसके कारण गुस्साए लोगों ने एयरपोर्ट रोड को जाम कर दिया। जालंधर-लुधियाना के कई क्षेत्रों में पानी तीन से चार फीट तक भर गया, जिससे कई घरों में जलभराव हो गया।

गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध के पांच फाटकों को खोलकर एक लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। नदी के किनारे बसे गांवों को अलर्ट पर रखा गया है। इस मानसून सीजन में पहली बार नर्मदा नदी का जलस्तर 134.50 मीटर पर पहुंच गया है, जो अधिकतम जलस्तर से केवल 4 मीटर दूर है। सरदार सरोवर बांध की अधिकतम सतह 138.68 मीटर है।

रुद्रप्रयाग में भारी बारिश के कारण गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर भीमबली में भूस्खलन हुआ। इससे मंदाकिनी नदी का प्रवाह रुक गया है और एक झील बन रही है। प्रशासन ने पूरे जिले में अलर्ट जारी कर दिया है और सुरक्षा बलों को नदी किनारे के क्षेत्रों में सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम राजस्थान, गुजरात, और उत्तर प्रदेश के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। इसके अतिरिक्त, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, त्रिपुरा, मिजोरम, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल के लिए भी यलो अलर्ट जारी किया गया है।

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