पिछले 9 दिनों से सरकार लगातार किसानों से बात करने का प्रयास कर रही है, लेकिन वह फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की मांग पर अड़े रहकर आंदोलन कर रहे . इसी कड़ी में किसानों ने अगले दो दिनों तक आंदोलन रोकने का ऐलान किया है.
इस बारे में किसानों ने कहा है कि, शंभू और खनौरी बॉर्डर पर अगले दो दिनों वह शांत बैठेंगे, लेकिन हटेंगे नहीं. परसों फिर अपनी रणनीति बनाएंगे. बता दें कि बुधवार को किसान अपना ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन फिर से शुरू किया था. शंभू बॉर्डर पर आंदोलनरत किसानों के खिलाफ आंसू गैस के गोले चलाए गये. उसके बाद शंभू बार्डर पर किसान नेताओं की प्रेस कॉन्फ्रेंस की.
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि, कल और परसों शांति रहेगी. हम नीति बनाएंगे. परसों सामने हम दोनों फोरमों की रणनीति आपके सामने रखेंगे. उन्होंने कहा कि किसान संगठनों ने अगले दो दिनों के लिए दिल्ली कूच आंदोलन के स्टे का ऐलान किया है. अगले दो दिनों तक आगे ना बढ़ने का ऐलान किया है.
उन्होंने कहा कि खनौरी बॉर्डर पर हमारा शांतिपूर्ण तरीके से कूच था, लेकिन ये सब हुआ. इस हालत में वार्ता जारी रखना ठीक नहीं है. इसलिए दो दिनों का विश्राम लिया है. खनौरी बॉर्डर पर हिंसा हुई. मेडिकल कैम्प के ऊपर शेलिंग की गई.
बातचीत के प्रस्ताव पर करेंगे विचार
उन्होंने कहा कि सरकार की नियत सबके सामने है. हमारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन था. अगर पंजाब सरकार रोकती है तो उसका भी रुख देखेंगे. उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार से बातचीत की कोई चिट्ठी नहीं आई है। अगर बैठक का बुलावा आया तो विचार करेंगे.
किसान संगठनों ने सरकार पर साधा निशाना
एसकेएम ने जारी बयान में कहा कि यह किसान परिवारों के रोजी-रोटी कमाने वालों पर क्रूर हमला है, जब वे केवल प्रधान मंत्री द्वारा किए गए लिखित वादों के कार्यान्वयन के लिए विरोध कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि एसकेएम के साथ हस्ताक्षरित समझौते को लागू करने में विफल रहे, वर्तमान संकट के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार हैं. एसकेएम पंजाब सीमा पर मामलों की स्थिति को गंभीरता से ले रहा है.