जातीय वोट बैंक में पकड़ की हकीकत बताएंगे चुनाव नतीजे, सहयोगी दलों के हाथ BJP की चुनावी पतवार

घोसी उपचुनाव में सहयोगी दलों के हाथ भाजपा की चुनावी नैया की पतवार है। अपना दल, सुभासपा और निषाद पार्टी पर है पिछड़े वर्ग के वोट बैंक का दारोमदार है। चुनाव नतीजे तीनों प्रमुख सहयोगी दलों के जातीय वोट बैंक में पकड़ की हकीकत भी बताएंगे।

घोसी विधानसभा उप चुनाव में भाजपा की चुनावी नैया की पतवार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के घटक अपना दल, सुभासपा और निषाद पार्टी के हाथ है। तीनों दलों के वोट बैंक का जितना बड़ा हिस्सा भाजपा को मिलेगा, उसकी राह उतनी ही आसान होगी। चुनाव नतीजे तीनों प्रमुख सहयोगी दलों के जातीय वोट बैंक में पकड़ की हकीकत भी बताएंगे।

उप चुनाव में भाजपा के दारा सिंह चौहान और सपा के सुधाकर सिंह के बीच कांटे का मुकाबला बताया जा रहा है। 4.30 लाख से अधिक मतदाता 5 सितंबर को दोनों के भविष्य का फैसला करेंगे। घोसी में 95 हजार से अधिक मुस्लिम, करीब 45 हजार यादव, 15 हजार से ज्यादा ठाकुर मतदाता हैं।

मुस्लिम और यादव को जहां एकतरफा सपा का वोट बैंक माना जाता रहा है, वहीं सपा प्रत्याशी क्षत्रिय होने के नाते बड़ी संख्या में ठाकुर मतदाताओं का रुझान भी सपा के पक्ष में बताया जा रहा है। ऐसे ही 60 हजार नोनिया चौहान, 50 हजार राजभर, 20 हजार निषाद, 15 हजार कोइरी, 14 हजार कुर्मी वोटर हैं।

भाजपा प्रत्याशी दारा सिंह चौहान नोनिया चौहान समाज से हैं। लिहाजा समाज का बड़ा वोट बैंक दारा सिंह के साथ बताया जा रहा है, लेकिन राजभर और निषाद मतदाताओं के लिए भाजपा, सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद पर निर्भर है। अपना दल के नेता और मंत्री आशीष पटेल ने भी कुर्मी समाज के साथ पिछड़े वर्ग के बीच भाजपा के लिए प्रचार किया है। राजभर और संजय निषाद लगातार डेरा डाले हैं। जगह-जगह राजभर और निषाद समाज की रैलियां और बैठकें कराई जा रही हैं। राजभर न सिर्फ सजातीय, बल्कि पिछड़े वर्ग की अन्य जाति के लोगों के बीच जाकर वोट मांग रहे हैं।

जानकारों का मानना है कि विधानसभा चुनाव 2022 में सपा के टिकट पर दारा की जीत में भी राजभर की बड़ी भूमिका थी। चुनाव में राजभर, निषाद और कुर्मी मतदाताओं का जितना मतदान प्रतिशत अधिक होगा, उतनी ही दारा सिंह को मजबूती मिलेगी।

साढ़े छह साल में चौथा चुनाव

घोसी विधानसभा में साढ़े छह साल में यह चौथा चुनाव हो रहा है। 2017 में फागू सिंह चौहान विधायक निर्वाचित हुए थे। फागू सिंह के बिहार का राज्यपाल बनने के बाद 2019 में फिर उप चुनाव हुआ तो भाजपा के विजय राजभर विधायक बने। 2022 में सपा से दारा सिंह चौहान चुनाव जीते। अब दारा सिंह के सपा छोड़कर भाजपा में शामिल होने से खाली हुई सीट पर फिर उप चुनाव हो रहा है।

सीएम की रैली आज

सीएम योगी आदित्यनाथ शनिवार को घोसी विधानसभा उप चुनाव में भाजपा प्रत्याशी दारा सिंह चौहान के समर्थन में रैली को संबोधित करेंगे।

 

 

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