ए-सिम का उपयोग तकनीकी सुगमता में एक बड़ी कदम है, लेकिन इसके साथ हैकर्स की खतरा भी बढ़ गई है। यह लेख बताता है कि कैसे हैकर्स ए-सिम का दुरुपयोग करके लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बना रहे हैं और कैसे आप अपने डेटा को सुरक्षित रख सकते हैं।
ईसिम का मूल उद्देश्य यह था कि लोगों को फिजिकल सिम कार्ड के साथ जुड़ी उलझनों से निजात मिले और उनके फोन को चोरी करने का खतरा कम हो। लेकिन, अब हैकर्स इस तकनीक का दुरुपयोग कर लोगों के फोन और बैंक खातों में धांधली कर रहे हैं। वे लोगों के ईसिम को ही पोर्ट करके उनके फोन में प्रवेश कर रहे हैं। यह सचमुच हैरान करने वाली खबर है जो जनता को चौंका देने वाली है।
साइबर सिक्योरिटी कंपनी FACCT ने एक रिपोर्ट में दावा किया है कि अब तक 100 से अधिक लोगों के ईसिम को हैकर्स ने पोर्ट करने का प्रयास किया है। पहले हैकर्स लोगों के सिम कार्ड को पोर्ट करने के लिए टेलीकॉम कंपनियों के डाटाबेस में सेंध लगाने के लिए सोशल इंजीनियरिंग का उपयोग करते थे।
ईसिम क्या है?
ईसिम एक सॉफ़्टवेयर आधारित सिम कार्ड है जिसे क्यूआर कोड को स्कैन करके फोन में इंस्टॉल किया जाता है। फिलहाल, प्रीमियम फोन में ही ईसिम की सुविधा मिल रही है, लेकिन धीरे-धीरे यह और भी प्रसिद्ध हो रहा है। ईसिम को पोर्ट करके आपके बैंक खाते, क्रिप्टो वॉलेट, आदि को खाली किया जा सकता है, और आपके नाम पर किसी के साथ धोखाधड़ी भी हो सकती है।
FACCT ने ईसिम उपयोगकर्ताओं को अपने फोन की सुरक्षा को मजबूत बनाए रखने के लिए सलाह दी है। सुरक्षित रहने के लिए, सलाह दी गई है कि पासवर्ड को जटिल बनाएं और बैंक खाते के पासवर्ड को दो-चरणीय प्रमाणीकरण के साथ सुरक्षित रखें।