दिल्ली की हवा बनी धीमा ज़हर: सर्दी से पहले ही सांसों पर संकट! AQI 290 पार; अभी और बिगड़ेंगे हालात

सर्दियाँ आने से पहले ही दिल्ली की हवा में जहर घुल गया है। प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। पराली के धुएं और प्रदूषण के आंकड़े बता रहे हैं कि आने वाले दिनों में हालात और भी खराब हो सकते हैं। क्या सरकार इस बार समाधान ढूंढ पाएगी, या फिर दिल्लीवासी एक बार फिर ‘गैस चैंबर’ में घुटने को मजबूर होंगे?

राजधानी की हवा: सर्दी से पहले ही घुटन!

सर्दियाँ अभी दूर हैं, लेकिन दिल्ली की हवा पहले ही ‘बेहद खराब’ श्रेणी की दहलीज पर पहुंच चुकी है। ऐसे में आने वाले दिनों में राजधानी के निवासियों को सांस लेना और भी मुश्किल हो सकता है। शुक्रवार को दिल्लीवासियों ने खतरनाक हवा में सांस ली, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 292 पर दर्ज हुआ, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। स्थिति और बिगड़ने का अनुमान है, और शनिवार तक भी यह हालात बने रह सकते हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने चेतावनी दी है कि रविवार से हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ हो सकती है।

किन इलाकों में सबसे ज्यादा खतरा?

CPCB के आंकड़ों के अनुसार, आनंद विहार और वजीरपुर जैसे 13 इलाकों में हवा ‘अति गंभीर’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच चुकी है। वहीं, रोहिणी, द्वारका और अशोक विहार जैसे 19 क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता ‘बेहद खराब’ रही। ये आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं कि सर्दी आने से पहले ही प्रदूषण की स्थिति चिंताजनक है।

पराली और प्रदूषण: क्या कहता है आंकड़ा?

भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (IITM) के अनुसार, दिल्ली का वेंटिलेशन इंडेक्स 3000 वर्ग मीटर रहा, जो औसत से काफी कम है। यह दर्शाता है कि हवा की गुणवत्ता को साफ रखने के लिए आवश्यक हवा का आदान-प्रदान पर्याप्त नहीं हो रहा है। डिसिजन सपोर्ट सिस्टम (DSS) के अनुसार, दिल्ली के प्रदूषण में पराली जलाने से आने वाले धुएं की हिस्सेदारी 0.582% रही, जो शनिवार को बढ़कर 1.87% हो सकती है। साथ ही, खुले में कूड़ा जलाने से पैदा होने वाला धुआं भी 1.27% रहा, जो शनिवार को 1.217% तक बढ़ सकता है।

हवाओं की दिशा और स्पीड का प्रभाव

शुक्रवार को हवाएँ दक्षिण-पूर्व से 8-12 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थीं। शनिवार को यह स्पीड बढ़कर 12-14 किमी प्रति घंटा हो सकती है। रविवार को दक्षिण-पूर्व से पूर्व की ओर हवाएँ 12-16 किमी प्रति घंटे की गति से चलने का अनुमान है। प्रदूषण पर इन हवाओं का असर बड़ा होता है, खासकर तब जब हवा की गति कम होती है।

एनसीआर में कौन सी जगह सबसे बेहतर?

एनसीआर क्षेत्र में सबसे बेहतर हवा गुरुग्राम में दर्ज की गई, जहाँ AQI 204 था, जो ‘खराब’ श्रेणी में आता है। जबकि फरीदाबाद, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा और नोएडा में स्थिति इससे भी ज्यादा खराब रही। फरीदाबाद और नोएडा का AQI 242, ग्रेटर नोएडा का 264 और गाजियाबाद का 258 रहा।

धूप और तापमान का असर

दिन के समय दिल्ली की तेज धूप और बढ़ते तापमान से लोग परेशान हैं। हालांकि, सुबह और शाम हल्की ठंड का अहसास हो रहा है, लेकिन दिन का तापमान सामान्य से काफी ऊपर जा रहा है। शुक्रवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान 36.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से चार डिग्री अधिक था। वहीं, न्यूनतम तापमान 19.5 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग का अनुमान है कि शनिवार को अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।

मेरे विचार:

दिल्ली में वायु प्रदूषण का मुद्दा हर साल सर्दियों के शुरू होते ही गंभीर हो जाता है, और इस बार भी हालात कुछ अलग नहीं हैं। पराली जलाने और औद्योगिक प्रदूषण के साथ-साथ वाहनों से होने वाले उत्सर्जन ने राजधानी को ‘गैस चैंबर’ बना दिया है। सरकारें हर साल समाधान की बात करती हैं, लेकिन दीर्घकालिक सुधारों के अभाव में स्थिति और खराब होती जा रही है। समय आ गया है कि प्रदूषण को रोकने के लिए अधिक कठोर कदम उठाए जाएं, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ साफ हवा में सांस ले सकें।

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