दिल्ली के उप राज्यपाल ने सीएम केजरीवाल के ‘नए आवास’ के खिलाफ अजय माकन की शिकायत मुख्य सचिव को भेजी, 7 दिन में मांगी रिपोर्ट

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सीएम आवास को लेकर सियासी हमले अब कांग्रेस पार्टी के एंट्री के साथ और तेज हो गए हैं। बीजेपी के बाद अब कांग्रेस पार्टी ने भी केजरीवाल के महल पर निशाना साधा है। कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर बेबुनियाद आरोप लगाते हुए कहा कि इस महल के निर्माण में न केजरीवाल के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च हुए हैं और न ही इसके लिए सरकारी धन का खपाया गया है। वास्तव में इस महल के निर्माण में जनता के पैसे का खर्च हुआ है जो इस महल के सामान्य रख-रखाव और मरम्मत के लिए खर्च किए जाते हैं।

बीजेपी ने पहले से ही सीएम आवास को लेकर केजरीवाल पर निशाना साधा हुआ है। कुछ समय पहले बीजेपी के नेता अमित शाह ने एक बयान में कहा था कि केजरीवाल का सीएम आवास लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ कर बनाया गया है। जबकि कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में बीजेपी को घेरा देते हुए कहा कि वे स्वयं अपने नेताओं पे ध्यान दे ।

अजय माकन, कांग्रेस के नेता, रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बताते हुए की अब तक केजरीवाल के महल पर खर्चे के बारे में केवल बीजेपी ही नहीं, बल्कि कांग्रेस भी जवाब मांग रही है। माकन ने बताया कि केजरीवाल के महल में मात्र 45 करोड़ रुपये नहीं, बल्कि जनता का 171 करोड़ रुपये खर्च हुआ था। इस खर्चे का बड़ा हिस्सा कोविड-19 महामारी के समय में किया गया था, जब दिल्ली के लोग आक्सीजन और बेड के लिए तरस रहे थे। इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति में भी, मुख्यमंत्री के घर में इतना बड़ा खर्च हुआ, जब लोग भुखमरी से पीड़ित थे और दिल्ली की जनता बड़ी मुश्किल से अपने दैनिक जीवन के लिए लड़ रही थी।

उन्होंने आगे बताया कि उस निर्माणाधीन परिसर में 22 ऑफिसरों के फ्लैट थे, जिन्हें तोड़ा गया और खाली कराया गया था। सरकार ने इन फ्लैट्स की भरपाई करने के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज में 21 टाइप-5 फ्लैट्स खरीदे थे, जिसका कुल खर्च लगभग 126 करोड़ रुपये था। पहले भाजप ने अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाए थे कि मुख्यमंत्री आवास की मरम्मत और सजावट के लिए 45 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।

सीएम के बंगले पर खर्च के मुद्दे को लेकर कुछ दिन पहले दिल्ली की सड़कों पर केजरीवाल के खिलाफ पोस्टर लगे दिखाए गए थे, जिनमें सीएम से मरम्मत के नाम में करोड़ों का खर्च होने का हिसाब पूछा जा रहा था। इन पोस्टरों पर लिखा था कि ये पैसा मेरे टैक्स से भरा है। बताया जाता है कि दिल्ली की सड़कों पर यह पोस्टर अभियान दिल्ली नाम के एक एनजीओ ने लगाए थे। यह पोस्टर दिल्ली की मुख्य तीन सड़कों – आम आदमी पार्टी कार्यालय के पास डीडीयू मार्ग, आईटीओ, बहादुर शाह जफर मार्ग पर लगाए गए थे।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *