नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह पर रार, समारोह से दूर रहेगी कांग्रेस, AAP और TMC समेत अन्य विपक्षी पार्टियां

नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बजाय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के करने पर आपत्ति जताते हुए कांग्रेस समेत 19 विपक्षी दलों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी 28 मई को संसद के नए भवन का उद्घाटन करेंगे।

रायपुर, पटना: संसद के नए भवन के उद्घाटन को लेकर बवाल शुरू हो गया है I प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद की नई इमारत का उद्घाटन करने वाले हैं I जिसका सभी विपक्षी दलों को न्यौता दिया गया है I विपक्षी दलों की मांग है कि नए भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से कराया जाए I विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर राष्ट्रपति का अपमान करने का आरोप लगाते हुए उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने की बात कही है I

मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बयान दिया औऱ कहा कि संसद भवन ब्रिटिश कार्यकाल के पहले बना था और राष्ट्रपति भवन ब्रिटिश काल में बना हुआ है तो उसका उद्घाटन इंदिरा गांधी कैसी करती? उसके एक हिस्से का कोई करे तो अलग बात है लेकिन पूरे संसद का उद्घाटन करना अलग बात है I

उधर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी नई संसद भवन के उद्घाटन पर जारी बवाल पर बयान दिया और बीजेपी पर निशाना साधा I तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारी सभी लोगों से बात हुई है हम लोग इसका बहिष्कार करेंगे I हम लोगों का मानना है कि नए संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति की तरफ से होना चाहिए, क्योंकि संसद का हेड राष्ट्रपति होता है और ये उद्घाटन उनसे न कराकर उनका अपमान किया जा रहा है I इस समारोह के बहिष्कार के विरोध में कांग्रेस, एनसीपी, आप, सपा, आरजेडी और जेडीयू समेत तकरीबन 19 राजनीतिक दल है, जिन्होंने इस समारोह का बहिष्कार किया है I

कांग्रेस ने कहा कि वो इस बारे में उचित समय पर उचित फैसला करेगी कि संसद के नए भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होना है या नहीं I पार्टी प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने आरोप लगाया कि सरकार ने इस समारोह से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दूर रखकर उनका और पूरे आदिवासी समाज का अपमान किया है, तृणमूल सांसद और नेता सौगत राय ने कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि हमारे राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने ट्वीट कर लिखा कि टीएमसी ने नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करने का फैसला किया है I इसका कारण ये है कि हमें लगता है कि संसद का उद्घाटन राष्ट्रपति को करना चाहिए न कि प्रधानमंत्री को, ये संविधान के खिलाफ है I

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