डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर सीएम योगी ने किया याद, भारत की अखंडता के लिए याद किए जाते है डॉ.श्यामा।
लखनऊ, यूपी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। सीएम योगी ने कहा कि देश के अंदर आजादी के पूरे आंदोलन के साथ सक्रिय सहभागिता डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पहचान बन गई थी।
सीएम ने कहा कि जैसे ही 1947 में देश आजाद हुआ तो देश के प्रथम उद्योग और खाद्य मंत्री के रूप में संयुक्त सरकार में उन्हें भारत की औद्योगिक नीति को आगे बढ़ाने का एक अवसर मिला, लेकिन बाद में उन्हें अहसास हुआ कि आजादी जिन मूल्यों और जिन आदर्शों को ले करके प्राप्त हुई थी, तत्कालीन सरकार उससे विमुख हो करके तुष्टीकरण की नीतियों को आगे बढ़ा रही है। इस पर वो सरकार से हट गए और बाद में भारतीय जनसंघ के संस्थापक एवं अध्यक्ष के रूप में कार्य करना प्रारंभ किया।
भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष के रूप में उन्होंने सरकार के तुष्टिकरण से जुड़े हुए उन सभी नीतियों का खुलकर विरोध किया, जो भारत की एकता के लिए राष्ट्रीय अखंडता के लिए खतरा पैदा कर सकती थीं। सीएम योगी ने कहा कि कश्मीर में उस समय आजादी के बाद कांग्रेस की अदूरदर्शिता के कारण लगातार स्थिति बिगड़ती जा रही थी।
ऐसे में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जम्मू कश्मीर के लिए अलग से विधान बनाने और उस समय जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री को अलग मान्यता देने के विरोध में देश को एक नारा दिया, वो नारा एक देश में दो प्रधान, दो विधान और दो निशान नहीं चलेंगे था। इस नारे को उन्होंने आंदोलन और अभियान का रूप दिया।
इस दौरान उनकी गिरफ़्तारी होती है। कश्मीर को बचाने और भारत की अखंडता के लिए उनका बलिदान आज भी जाना जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर में धारा 370 को सदैव के लिए समाप्त कर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपने को साकार किया। कार्यक्रम में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, पूर्व मंत्री मोहसिन रजा, विधायक डॉ. नीरज बोरा, राजेश्वर सिंह, योगेश शुक्ला आदि उपस्थित थे।