मेधावी छात्रों को सीएम योगी ने किया सम्मानित, 1745 छात्रों को बांटे टैबलेट, छात्रों को दिए 1 लाख का चेक

सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को लोकभवन में आयोजित मेधावी विद्यार्थियों के सम्मान एवं टैबलेट वितरण कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने इन्होंने विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं में सफलता अर्जित करने वाले विद्यार्थियों को बधाई दी।

लखनऊ, यूपी: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजधानी लखनऊ में यूपी बोर्ड की परीक्षा में अच्छे नंबर पाने वाले मेधावी छात्रों को सम्मानित किया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने 1 हजार 7 सौ 45 छात्रों को टैबलेट बांटे और उन्हें एक-एक लाख का चेक भी प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश और देश के अन्य शिक्षा बोर्ड के मेधावी छात्र-छात्राओं को भी शुभकामनाएं दी। इस दौरान सीएम ने 18 राजकीय माध्यमिक स्कूल के भवन और 125 साइंस लैब का लोकार्पण भी किया।

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश का बोर्ड सबसे बड़ा है और यहां प्रतिवर्ष लगभग 55-56 लाख छात्र परीक्षा में बैठते हैं। पहले यूपी के स्कूलों में पढ़ाई की स्तर कम थी, परीक्षाएं लंबे समय तक चलती थीं और रिजल्ट देर से आता था, जो छात्रों के साथ खिलवाड़ था। लेकिन अब ऐसा नहीं होता है। हमारी सरकार ने नकलविहीन परीक्षा को लागू करने के लिए कठोर नियम बनाए हैं। सीएम ने नकल माफिया को देश और समाज के दुश्मन घोषित किया है और उन्हें सामाजिक बहिष्कार करने की आवश्यकता बताई है। उन्होंने कहा कि हमने कोरोना महामारी के दौरान भी परीक्षाएं सुरक्षित और समय पर सम्पन्न की हैं, और इस बार निकाय चुनावों के दौरान भी हमने इसे समय पर पूरा किया है।

2017 में सरकार के आने के साथ ही मैंने कहा था कि आप नकल रोक पाएंगे जब तक पर्याप्त संख्या में शिक्षक होंगे। हमने बेसिक माध्यमिक में एक लाख 62 हजार शिक्षकों की भर्ती की है। सीएम ने कहा कि जिन संस्कृत बोर्ड के स्कूलों में शिक्षक मानदेय पर हैं, उन्हें नई नियुक्ति तक हटाया नहीं जाएगा। मिशन कायाकल्प कार्यक्रम एक उदाहरण है, जिसमें हमने एक लाख 33 हजार बेसिक स्कूलों का कायाकल्प किया है। 6 साल पहले बेसिक स्कूलों में सुधार हुआ है, अब उन स्कूलों में अच्छी फर्नीचर, भवन, स्मार्ट लैब और टॉयलेट हैं, जिन्हें हमने जनसहभागिता से संभाला है। उन्होंने कहा कि हमें माध्यमिक शिक्षा विभाग के कॉलेजों को भी सुधारने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पिछले साल बजट खर्च नहीं हो सका, और खेलकूद के प्रति बच्चों में जागरूकता लाने की आवश्यकता है।

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