नई दिल्ली में मुख्यमंत्री ने 8 व 9 दिसंबर को प्रस्तावित वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) समेत अलग-अलग क्षेत्रों के औद्योगिक संघों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया।
नई दिल्ली: दिसंबर माह में प्रस्तावित वैश्विक निवेशक सम्मेलन को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में विभिन्न औद्योगिक संघों के साथ संवाद किया। इस संवाद में कई प्रमुख निवेशकों ने राज्य में निवेश करने की सहमति जताई है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उत्तराखंड अब व्यापारिक दृष्टि से एक बिजनेस फ्रेंडली डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है। सरकार ने निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों के लिए 27 नीतियां तैयार की हैं। इसके साथ ही, राज्य की अर्थव्यवस्था में 41 प्रतिशत योगदान देने वाले सेवा क्षेत्र के लिए जल्द ही एक नीति लागू की जाएगी।
उत्तराखंड में पर्यटन क्षेत्र में निवेश की बहुत सारी संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री ने निवेशकों से देवभूमि उत्तराखंड को उनकी कर्म भूमि बनाने की अपील की है। वह उन्हें राज्य के उद्यमिता को प्रतिष्ठित ब्रांड एंबेसडर के रूप में देखते हैं।
सोमवार को नई दिल्ली में मुख्यमंत्री ने 8 और 9 दिसंबर को प्रस्तावित वैश्विक निवेशक सम्मेलन के लिए भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई), भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) समेत अलग-अलग क्षेत्रों के औद्योगिक संघों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद किया। उन्होंने निवेशकों को राज्य में निवेश की सुविधाएँ और सरकार के द्वारा प्रदान की जा रही प्रोत्साहन के बारे में जानकारी दी। सीएम ने निवेशकों के सुझावों का भी स्वागत किया, जो निवेश सम्मेलन के संदर्भ में उनके पास थे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में सड़क, रेल, और हवाई कनेक्टिविटी में सुधार किया गया है। इसके परिणामस्वरूप, दिल्ली से देहरादून तक की यात्रा अब मात्र दो घंटों में पूरी हो सकती है। उद्योगिक विकास के लिए, राज्य में व्यापार को सुविधाजनक बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं शुरू की गई हैं। निर्यात को बढ़ावा देने के लिए, स्टेट ऑफ आर्ट एंड कल्चर इनफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड की स्थापना की गई है। इसके साथ ही, अमृतसर से कोलकाता तक की इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की तैयारियों की शुरुआत होने वाली है। पर्यटन को भी उद्योग का महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया है, और राज्य में पर्यटन के क्षेत्र में भारी संभावनाएं हैं।
राज्य में आकर्षक पर्यटन नीति तैयार की गई है, जिसके अंतर्गत अनेक क्षेत्रों में सब्सिडी प्रदान की जा रही है। पर्यटन क्षेत्र राज्य की आर्थिकी का मजबूत आधार है। इसके अलावा, कृषि, बागवानी, आयुर्वेद, योग, सेवा क्षेत्र और अन्य संभावित क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। उत्तराखंड ने एक निवेश क्रांति की शिक्षा दी है, और इस संवाद के माध्यम से 2.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने देश की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य रखा है और उत्तराखंड में भी इस दिशा में कदम बढ़ाने के लिए उत्तराखंड मिशन शुरू किया गया है। यह मिशन अगले 5 वर्षों में राज्य की जीडीपी को दोगुना करने का लक्ष्य रखता है। विकास कार्यों की मूल्यांकन प्रक्रिया के लिए, राज्य में नीति आयोग की तरह ही एक सेतु गठित की गई है।
निवेश को आसान बनाने के लिए अधिनियमों के संख्या को कम किया गया है, और इसके लिए विभिन्न विभागों द्वारा 1250 अधिनियमों का पुनरावलोकन किया गया है। इस प्रक्रिया के तहत, करीब 500 अधिनियमों को समाप्त किया गया है। निवेशकों को आकर्षित करने के लिए, ‘उत्तराखंड इन्वेस्टमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट बोर्ड’ का गठन किया गया है।
उत्तराखंड में ईज आफ डूईंग बिजनेस के साथ-साथ, पीस आफ डूईंग बिजनेस की भी सुविधा उपलब्ध है। राज्य में व्यापारिक सेक्टर में श्रमिकों की असंतोष नहीं है, और श्रमिकों के प्रति समर्पण के कारण मानव श्रम का ह्रास देशभर में कम है। राज्य में अपराध दर भी राष्ट्रीय औसत से 22 प्रतिशत कम है।
इस संवाद में, विभिन्न उद्योगी एवं व्यापारिक संघों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया और उत्तराखंड के विकास में सहयोग करने का आश्वासन दिया।
कुल मिलाकर, यह संवाद राज्य में निवेश को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न उपायों की बात करता है, जैसे कि नई उद्योगिक स्थापना, पर्यटन के क्षेत्र में निवेश, और अधिनियमों की संख्या को कम करके निवेशकों को आसानी से बिजनेस करने की सुविधा। यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए गए है कि राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार आए और उत्तराखंड की आर्थिकी मजबूत हो।