मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों की बैठक में क्षेत्र के सुनियोजित विकास पर जोर देते हुए जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय की आवश्यकता पर बल दिया। मानसून की तैयारियों, सड़क सुधार, जल जीवन मिशन, बिजली बिलों में सुधार, और गोशालाओं के निर्माण सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
जनप्रतिनिधियों के सुझाव से क्षेत्र का सुनियोजित विकास होता है, इसलिए अधिकारी जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाएं ताकि प्रदेश विकास के पथ पर अग्रसर हो सके। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह बात सर्किट हाउस में अधिकारियों की बैठक में कही।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि मानसून की तैयारियों को समानांतर रूप से चलाया जाए। नालों और नहरों की नियमित सफाई होनी चाहिए और आपदा प्रबंधन की पूर्ण तैयारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि टिहरी जिले के तोला गांव में 50 परिवारों के 300 लोगों को सफलतापूर्वक रेस्क्यू किया गया है और समय रहते पूरे गांव को खाली नहीं किया जाता तो भारी जनहानि हो सकती थी। उन्होंने स्थानीय प्रशासन की सराहना की और कहा कि हमें मिशन के तहत कार्य को अंजाम देना होगा। मानसून सीजन के बाद हम समस्याओं को भूल जाते हैं, इसलिए भविष्य में आने वाली समस्याओं के प्रति हमें जागरूक रहना होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि जिन योजनाओं का शिलान्यास हो चुका है, उनका लोकार्पण भी समय से हो ताकि सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ आम लोगों को मिल सके। सड़कों की खराब हालत पर चिंता जताते हुए उन्होंने लोनिवि के मुख्य अभियंता को निर्देश दिए कि अस्थायी तौर पर सड़कों को गड्ढामुक्त किया जाए और टेंडर प्रक्रिया पूर्ण कर 15 सितंबर से सड़कों का कार्य शुरू कर 15 अक्टूबर तक पूर्ण किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि मार्गों पर लगी जेसीबी मशीनों में जीपीएस सिस्टम अनिवार्य रूप से लगाया जाए।
जल जीवन मिशन के कार्यों पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने जेजेएम के मुख्य अभियंता को व्यवस्थाएं ठीक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिकायत मिलने पर संबंधित अधिकारी की जिम्मेदारी तय की जाएगी और जिन क्षेत्रों में पाइपलाइन डालने के लिए खुदाई की गई है, वहां के गड्ढे एक सप्ताह में भर दिए जाएं। साथ ही, जिन क्षेत्रों में जेजेएम के तहत लाइनें डाली गई हैं, वहां लोगों को पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
लालकुआं के विधायक डॉ. मोहन सिंह बिष्ट ने बताया कि उनके क्षेत्र और जिले में जल जीवन मिशन के कार्य अभी तक पूर्ण नहीं हुए हैं, केवल 40 से 50 प्रतिशत कार्य हुआ है। इस पर मुख्यमंत्री धामी ने नोडल अधिकारी जेजेएम को समय सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री धामी ने बिजली बिलों में त्रुटियों को सुधारने के लिए शिविर लगाने और ऊर्जा निगम के मुख्य अभियंता को स्मार्ट मीटर लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस गर्मी के सीजन में शहरी क्षेत्र में बिजली आपूर्ति प्रभावित हुई है और इसके समाधान के लिए तीन विद्युत स्टेशन स्वीकृत हो चुके हैं जिन पर शीघ्र कार्य शुरू किया जाए। उन्होंने शीशमहल प्लांट की क्षमता बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी देने की बात कही ताकि आने वाले गर्मी के मौसम से पहले यह कार्य पूर्ण हो सके।
मुख्यमंत्री ने गोशालाओं के निर्माण के लिए धनराशि स्वीकृत कर जल्द ही निर्माण कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए। उन्होंने वन अधिकारियों को जीर्णशीर्ण और सूखे पेड़ों को काटने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही खेल विश्वविद्यालय का एक्ट लाने जा रही है जिससे प्रदेश के प्रतिभावान खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकें।
आयुक्त दीपक रावत ने जानकारी दी कि मंडल में जागेश्वर मार्ग भूस्खलन से बंद है और सोमवार तक उसे खोल दिया जाएगा। मंडल के आपदाग्रस्त 20,000 परिवारों को आर्थिक सहायता राशि मुहैया करा दी गई है।
डीएम वंदना ने बताया कि शहर में स्थायी गोशाला का निर्माण तीन करोड़ की लागत से 64 बीघा में किया जा रहा है, जिसकी क्षमता दो से ढाई हजार पशुओं को रखने की होगी। उन्होंने बताया कि कैंची धाम बाईपास का टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है और जून 2025 से पहले कार्य को पूर्ण कर लिया जाएगा।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष बेला तोलिया, विधायक बंशीधर भगत, रामसिंह कैडा, सरिता आर्या, डॉ. मोहन सिंह बिष्ट, जिलाध्यक्ष प्रताप बिष्ट, आयुक्त दीपक रावत, डीआईजी डॉ. योगेंद्र रावत, डीएम वंदना और एसएसपी पीएन मीणा आदि मौजूद रहे।