छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) ने स्पष्ट किया है कि रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के अनुसार, राज्य में सभी नई और चालू आवासीय परियोजनाओं को खरीदने और बेचने के लिए पंजीकरण आवश्यक है।
छत्तीसगढ़ न्यूज़ : छत्तीसगढ़ रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) ने स्पष्ट किया है कि रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 के अनुसार, राज्य में सभी नई और चालू आवासीय परियोजनाओं को खरीदने और बेचने के लिए पंजीकरण आवश्यक है।
इसमें कहा गया है, “परियोजना को विज्ञापित, विपणन, बुक करने या बेचने या बिक्री के लिए पेश करने या किसी भी तरीके से इसे खरीदने के लिए व्यक्तियों को आमंत्रित करने से पहले छत्तीसगढ़ RERA के साथ पंजीकृत होना अनिवार्य है।” रेरा के रजिस्ट्रार ने बताया कि उपरोक्त प्रावधान के उल्लंघन की स्थिति में रेरा अधिनियम की धारा 59 के तहत परियोजना लागत का 10 प्रतिशत तक जुर्माना और तीन साल तक की कैद का प्रावधान है।
राज्य के चार जिलों (रायपुर, बिलासपुर, कवर्धा, कांकेर) में पिछले पांच वर्षों में जारी की गई विकास अनुमतियों के प्रथम दृष्टया अवलोकन से यह पता चला है कि लगभग 157 ऐसी परियोजनाएँ हैं जिन्हें इस उद्देश्य के लिए विकास अनुमतियाँ प्राप्त हुई हैं।
अनुमति मिलने के बाद भी प्रोजेक्ट को छत्तीसगढ़ रेरा में पंजीकृत नहीं कराया गया है। अथॉरिटी की ओर से उन्हें नोटिस भी जारी किया जा रहा है। साथ ही प्राधिकरण को नगर एवं ग्राम निवेश कार्यालयों से प्राप्त जानकारी के अवलोकन से प्रतीत होता है कि उपरोक्त श्रेणी में परियोजनाओं की संख्या और भी अधिक बढ़ने की संभावना है।
ऐसे आवासीय एवं वाणिज्यिक परियोजनाओं एवं प्रमोटरों द्वारा अधिनियम के प्रावधानों एवं प्राधिकरण के निर्देशों का लगातार उल्लंघन किया जा रहा है। उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा और अधिनियम के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए प्राधिकरण ने ऐसे 157 प्रमोटरों के खिलाफ मामला दर्ज करने और सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।