130 साल पहले ब्रिटिश शासनकाल में बनाए गए जेल कानून को बदलने की तैयारी शुरू हो चुकी है। गृह मंत्रालय जेल में व्यवस्थाओं और कैदियों के सुधार के लिए एक नया मॉडल प्रिजन एक्ट 2023 लाने जा रहा है। इसके लिए मंत्रालय ने प्रीकनेक्ट 1908 रीजन ट्रांसफर एक्ट 1950 की समीक्षा की है और इनके प्रावधानों को नए एक्ट में शामिल किया है।
यह नया एक्ट जेल के कैदियों की सुधार और उनकी जिम्मेदारियों को बढ़ाने के साथ-साथ जेलों की व्यवस्था में भी सुधार करेगा। जैसा कि आप जानते हैं, जेलों की व्यवस्था और कैदियों के अधिकारों के बारे में देश के कई हिस्सों में विवाद होता रहा है। इस नए एक्ट से जेलों में न्यायपालिका की विधिक सहायता को बढ़ावा मिलेगा और इससे कैदियों के अधिकारों का संरक्षण भी होगा।
अपने नए मॉडल प्रिजन एक्ट 2023 में, गृह मंत्रालय द्वारा महिलाओं और ट्रांसजेंडर कैदियों की सुरक्षा पर अधिक जोर दिया गया है। इससे जेल मैनेजमेंट में पारदर्शिता आएगी और साथी कैदियों के बर्ताव में सुधार और रिहैब का भी प्रावधान है।
गृह मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि मौजूदा “कारागार अधिनियम 1894” आजादी से पहले का है और यह मुख्य रूप से अपराधियों को हिरासत में रखने और जेलों में अनुशासन तथा व्यवस्था लागू करने पर केंद्रित है। लेकिन इसमें कैदियों के सुधार और पुनर्वास का प्रावधान नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक, यह नया मॉडल प्रिजन एक्ट संसद में इसी मानसून सत्र में पेश किया जा सकता है।