भविष्य के लिए निर्मित: भारत का गर्वमय संसद निर्माण, प्रधानमंत्री मोदी ने शानदार नए संसद भवन का उद्घाटन किया

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को एक भव्य कार्यक्रम में नए संसद भवन को देश को समर्पित किया। पीएम मोदी ने कहा कि नया संसद भवन समय की मांग थी, क्योंकि आने वाले समय में लोकसभा और राज्यसभा सीटों में इजाफा होगा।

देश को नया संसद भवन मिल चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे विधि-विधान से इसका उद्घाटन किया। नए भवन में लोकसभा में 888 और राज्यसभा में 384 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है। नई संसद के पहले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने मौजूद गणमान्य लोगों को संबोधित किया। चलिए, हम देखते हैं, 10 बिंदुओं के माध्यम से कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने क्या कहा था जो प्रभावी तरीके से पाठकों को आकर्षित करेगा।

“हर देश की विकास यात्रा में कुछ पल ऐसे आते हैं, जो हमेशा के लिए अमर हो जाते हैं। कुछ तारीखें समय के ललाट पर इतिहास का अमिट हस्ताक्षर बन जाती हैं। आज, 28 मई 2023 का यह दिन ऐसा ही शुभ अवसर है। देश आजादी के 75 वर्ष होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। इस महोत्सव में भारत के लोगों ने अपने लोकतंत्र को संसद के इस नए भवन का उपहार दिया है।”

उन्होंने कहा, “साथियों, यह सिर्फ एक भवन नहीं है। एक राष्ट्र के रूप में हम सभी के लिए 140 करोड़ का संकल्प ही इस संसद की प्राण प्रतिष्ठा है। यहां होने वाला हर निर्णय ही, आने वाले समय को संवारने वाला है। संसद की हर दीवार, इसका कण-कण गरीब के कल्याण के लिए समर्पित है। यह संसद का नया भवन, भारत के सृजन का आधार बनेगा।”

संसद की इस नई इमारत में सेंगोल की स्थापना को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “महान चोल साम्राज्य में सेंगोल को कर्तव्य पथ का, सेवा पथ का, राष्ट्रपथ का प्रतीक माना जाता था। राजाजी और आदिनम के संतों के मार्गदर्शन में यही सेंगोल सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक बना था। मुझे तमिलनाडु से विशेष तौर पर आए हुए आदिनम के संत ने आशीर्वाद दिया। मैं उन्हें पुनः नमन करता हूं।”

नरेंद्र मोदी ने नई संसद में कहा, “जब भी इस संसद भवन में कार्यवाही शुरू होगी, तो यह सेंगोल हम सभी को प्रेरणा देता रहेगा। भारत एक लोकतांत्रिक राष्ट्र नहीं, बल्कि लोकतंत्र की जननी भी है। मदर ऑफ डेमोक्रेसी भी है। भारत आज वैश्विक लोकतंत्र का बहुत बड़ा आधार है। लोकतंत्र हमारे लिए सिर्फ एक व्यवस्था ही नहीं, एक संस्कार है, एक विचार है, एक परंपरा है।”

उन्होंने आगे जाकर कहा, “कोई भी एक्सपर्ट अगर पिछले नौ वर्षों का आकलन करे तो पाएगा कि यह नौ वर्ष गरीबों के कल्याण के लिए रहे हैं। मुझे पिछले नौ साल में गरीबों के लिए चार करोड़ घर बनने का संतोष है। हम जब इस भव्य इमारत को देखकर अपना सिर ऊंचा कर रहे हैं, तो हम नौ साल में बने 11 करोड़ शौचालय को देखकर गर्व कर रहे हैं। चार लाख किमी से ज्यादा सड़कों का निर्माण किया। हमने चार साल में अमृत सरोवरों का निर्माण किया। हमने 30000 से ज्यादा पंचायत भवन भी बनाए हैं। यानी पंचायत भवन से लेकर संसद भवन तक हमारी निष्ठा एक ही है। हमारी प्रेरणा एक रही है। देश का विकास, देश के लोगों का विकास।”

इस संदर्भ में, प्रधानमंत्री मोदी ने देश के विकास के लिए किए गए पहलुओं को बताते हुए कहा, “हमने कहा था ना- ना बाप बनेगा, ना बेटा बनेगा। सिर्फ राष्ट्र बचेगा। आज वही राष्ट्र बच रहा है। जिसके दिल के अंदर राष्ट्र है। आज हमने वही देश के लिए खड़ी होने की योजना कर रखी है। हमने कहा था कि हम भारत बदलेंगे, भारत निर्माण करेंगे, भारत स्थापित करेंगे। और आज हमने वही किया है।”

संसद के इस नए भवन के उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने देशवासियों से आग्रह किया, “आप सभी से मेरा अनुरोध है कि आप संसद की कार्यवाही में सक्रिय भूमिका निभाएं। आपके मत और मताधिकार हमारे लोकतंत्र की मजबूती हैं। हमें आप पर गर्व है और उम्मीद है कि आप हमेशा लोकतंत्र की सुरक्षा के लिए अपना योगदान देंगे। चलिए, आगे बढ़ें, सभी को मिलकर नये भवन का आशीर्वाद दें। जय हिंद, जय भारत!”

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