पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर और कुछ प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। पटना पुलिस ने उस जगह को खाली करा लिया है जहां जन सुराज के संस्थापक अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे थे। पुलिस की टीम प्रशांत किशोर को एंबुलेंस से एम्स ले गई है। आपको बता दें BPSC की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रशांत किशोर आमरण अनशन पर थे। जानकारों के मुताबिक पटना के गांधी मैदान से सोमवार यानी 6 जनवरी को सुबहे साढ़े तीन से चार बजे के लिए पुलिस ने पीके को हटाया।
प्रशांत किशोर की तबीयत बिगड़ी
आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर को देखने डॉक्टर भी आए। प्रशांत ने कहा कि में इतनी जल्दी बीमार नहीं पड़ूंगा। मैं अभी ठीक हूं मेरा गला थोड़ा सा खराब है, डॉक्टरों ने मुझे सोने के लिए कहा है कोई गंभीर बात नहीं है। प्रशांत किशोर ने कहा कि यह हमारे लिए निर्णय का विषय नहीं है कि हम विरोध जारी रखेंगे या नहीं.. हम जो अभी कर रहे हैं वहीं करते रहेंगे, इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जनसुराज पार्टी 7 तारीख को हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करेगी।
2 जनवरी से आमरण अनशन पर
बिहार लोक सेवा आयोग BPSC की हाल ही में दी गई परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर प्रशांत किशोर 2 जनवरी से आमरण अनशन पर बैठे हैं। 13 दिसंबर की परीक्षा में शामिल हुए कुछ उम्मीदवारों के लिए री-एग्जाम कराने का आदेश दिया था। आपको बता दें यह परीक्षा प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों की वजह से विवादों में घिरी थी। शनिवार हुई परीक्षा में कुछ 12,012 उम्मीदवारों में करीब 8,111 उम्मीदवारों ने अपने एडमिट कार्ड डाउनलोड किए। उसके बाद भी 4 जनवरी को सिर्फ 5,943 छात्र ही दोबारा परीक्षा में शामिल हुए थे। BPSC ने शनिवार को बयान जारी कर कहा कि सभी केंद्रों पर री-एग्जाम शांतिपूर्ण ढंग से हुआ और कोई गड़बड़ी की सूचना नहीं मिली।
BPSC ने 2027 पदों पर भर्ती निकाली
पहली बार संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा के लिए अक्टूब 2024 में 27 विभागों में 2027 पदों पर वैकेंसी निकाली गई। इसमें 4.80 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। 13 दिसंबर को परीक्षा का आयोजन किया गया। इस एग्जाम में 3.25 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए। आपको बता दें कि परीक्षा के लिए 36 जिलों में 912 सेंटर बनाए गए अकेले पटना में 65 केंद्र बनाए गए। पटना के बापू परीक्षा केंद्र में करीब 12000 अभ्यर्थियों का सेंटर पड़ा था। जहां करीब ढाई हजार अभ्यर्थी परीक्षा नहीं दे पाए थे जिससे विवाद छिड़ गया और अभ्यर्थियों ने सेंटर के बाहर जमकर हंगामा किया। छात्रों ने पेपर लेट मिलने और लीक होने का आरोप लगाया। हालांकि BPSC और पटना जिला प्रशासन ने आरोपों को बेबुनिया बताया।