जनसुराज यात्रा के संयोजक प्रशांत किशोर ने बिहार से परिवारवाद खत्म करने के लिए शानदार रणनीति बनाई है। उन्होंने यूथ क्लब बनाकर चुनावी बिगुल फूंक दिया है। वहीं इसके तहत हजारों युवाओं को जोड़ा जाएगा। प्रशांत किशोर के मुताबिक इससे राज्य से परिवारवाद जड़ से खत्म हो जाएगा। प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 30 वर्षों में सिर्फ 1250 परिवार के लोग ही विधायक और सांसद बने हैं।
बेगूसराय: एक वोट देकर जिसे आप राजा बनाते हैं, उस व्यक्ति की तिजोरी की चाबी का मालिक बन जाता है, जिसमें ढाई लाख करोड़ रुपये होते हैं। इतनी बड़ी तिजोरी की चाबी आपने उसे मुफ्त में ही सौंप दी है। आप गरीब नहीं रहेंगे तो कौन रहेगा?
“वोट जिसे देना है, उसकी कीमत वसूल कीजिए,” यही संदेश प्रशांत किशोर का है। उन्होंने कहा कि हम वोट नहीं मांगते हैं, बल्कि हम यही सिखाते हैं कि जिसे वोट देना है, उसकी कीमत वसूल की जानी चाहिए। यह उनके विचारों को इंदिरा ज्योति हाई स्कूल, पकठौल, तेघड़ा प्रखंड की प्रेस वार्ता के दौरान साझा किए गए।
प्रशांत किशोर ने यूथ क्लब की स्थापना करने का ऐलान किया है। उनके इस क्लब के दो उद्देश्य हैं। उन्होंने खुद पाया कि पिछले 30 वर्षों में सिर्फ 1250 परिवारों के लोग ही विधायक और सांसद बने हैं। दल कोई जीतता है, व्यवस्था कोई बनती है, लेकिन नेता और परिवार वही रहता है। यह मुद्दा केवल राज्य स्तर पर ही नहीं, बल्कि हर प्रखंड, हर विधानसभा, और हर लोकसभा में चार-पांच परिवारों का कब्जा है।
उन्होंने कहा कि इस क्लब के माध्यम से बिहार में हर पंचायत में आज से दस बच्चों को चुना जाए, जो राजनीति में कूदना चाहते हैं, और उनके पिता या दादा विधायक और सांसद नहीं हैं।
इस यूथ क्लब के माध्यम से प्रशांत किशोर ने योजना बनाई है कि राज्यभर में एक लाख लोगों को राजनीतिक और सामाजिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही, प्रशांत किशोर ने 10 किलोमीटर की पदयात्रा भी की, जिसमें उन्होंने तेघड़ा प्रखंड के पकठौल, फरदी, पिपरा दोदराज, बहरबन्नी, परबंदा, जगदर, और वीरपुर प्रखंड की सीमा में प्रवेश किया। इस दौरान, वे कई स्थानों पर रुक कर लोगों से संवाद भी किया।