2024 के चुनावी संघर्ष की शुरुआत में महागठबंधन ने बिहार के गांधी मैदान में धमाकेदार रैली का आयोजन किया। दिग्गज नेताओं ने विपक्षी एकजुटता की हुंकार में जनता को संबोधित किया, और नीतीश कुमार और मोदी सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की। युवा नेता तेजस्वी यादव ने रोजगार और उद्यमिता की महत्वपूर्णता पर बातें की और आरजेडी की पार्टी की एकता को मजबूत किया।
2024 के सियासी मुकाबले की दिशा में अब तक बिसात बिछ चुकी है। बिहार में भी चुनावी बयार की रफ्तार तेज पकड़ रही है। मोदी के दौरे के अगले दिन, जन विश्वास रैली के माध्यम से शक्ति प्रदर्शन किया गया।
पटना के गांधी मैदान में शुक्रवार को महागठबंधन ने अपना जोर दिखाया। इस ऐतिहासिक मैदान में लालू यादव, राहुल गांधी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, और सीताराम येचुरी समेत तमाम दिग्गजों ने विपक्षी एकजुटता की हुंकार भरी। गांधी मैदान में उमड़े जनसैलाब को देखकर बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी गदगद दिखे। उन्होंने लोगों को संबोधित करते हुए तेजस्वी नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि हम चाचा का सम्मान करते हैं, लेकिन जब कुछ बचेगा ही नहीं तो फिसल जाएगा।
तेजस्वी ने कहा कि चाचा पलट गए हैं, लेकिन वह जहां भी रहें खुश रहें, सत्तरह साल बनाम सत्तरह महीने की तुलना करना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि जो काम आजादी के बाद नहीं हुआ था, उसे हमने महज 17 महीने करके दिखाया। गांधी मैदान में पहले सिर्फ रैलियां होती थीं, लेकिन हमने रोजगार का रैला करके दिखाया, लाखों युवाओं को नौकरी दी।
आरजेडी के मुस्लिम-यादव की पार्टी होने के आरोपों को नकारते एक बार फिर ‘MY और BAAP की पार्टी’ की हुंकार भरी। तेजस्वी ने कहा कि मोदी M-Y की पार्टी है, लेकिन ऐसा नहीं है, हमारी पार्टी महिला, गरीब, अल्पसंख्यक, अगड़े-पिछड़े ए टू जेड की पार्टी है। तेजस्वी ने बदलने वाले विधायकों पर भी हमला बोला, कहा कि कुछ विधायक इधर-उधर करते रहते हैं, उन्होंने भाजपा के सामने घुटने टेक दिए। तेजस्वी ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि जदयू 2024 में समाप्त हो जाएगी।
लालू यादव ने अपने भाषण की शुरुआत दलित-पिछड़ों और आदिवासियों की राजनीतिक भागीदारी से की। पिछड़ों की बात करते-करते लालू यादव नब्बे के दशक में चले गए हैं और उन्होंने दलित-पिछड़ों और आदिवासियों को मतदान के अधिकार से दूर रखा जाता था। उन्होंने उन दिनों के सामंतों की ताकतों के खिलाफ लोगों को ताकत देने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
नीतीश कुमार के बारे में बोलते हुए लालू यादव ने कहा कि जब वह पहली बार यहां से निकले थे, तो हमने उन्हें गाली नहीं दी थी, उनको सिर्फ यही कहा था कि वो पलटू राम हैं, उन्हें नहीं पलटना चाहिए था। लेकिन जब ये दोबारा आए तो हमसे गलती हो गई, तेजस्वी से गलती हो गई। ये नरेंद्र मोदी के चरणों में चले गए।
नीतीश कुमार पर सोशल मीडिया पर बन रहे मीम पर तंज कसते हुए लालू यादव ने कहा कि आजकल इन्हें लेकर लोग मोबाइल पर बड़ा मीम बनाते हैं। नीतीश कुमार को यह सब देखकर शर्म नहीं आती है क्या? लालू ने कहा कि आजकल हम देखते हैं कि नीतीश कुमार का शरीर भी काम नहीं करता है, आज गांधी मैदान में उमड़ी इस भीड़ को देखकर पता नहीं उनका क्या-क्या खराब हो जाएगा।
इस रैली में शामिल होने के लिए पटना पहुंचे सपा प्रमुख ने भी बीजेपी पर निशाना साधा और एक नारा देते हुए कहा कि 120 हराओ, भाजपा हटाओ! अखिलेश यादव ने कहा कि यूपी और बिहार मिलकर 80 और 40, यानि 120 सीटें हराओ, भाजपा हटाओ। अखिलेश ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज किसान दुखी है, नौजवान के हाथ में नौकरी नहीं है और इन 10 सालों में जनता के लिए क्या उपलब्धि है, इस पर चर्चा की जा रही है? हमें उम्मीद है कि इस बार बिहार में भी बदलाव होगा।