आम आदमी को 800 रुपये किलो का मटन खाने की जद्दोजहद को दिखाती बिहारी कलाकारों से सजी फिल्म चंपारण मटन ऑस्कर के सेमीफाइनल तक पहुंच चुकी है। गुरुवार को फिल्म की लीड अभिनेत्री फलक खान ने आईटी मंत्री इसराइल मंसूरी से पटना स्थित आवास पर मुलाकात की।फलक ने उन्हें बताया कि वह भी मुजफ्फरपुर से ही हैं और उनकी फिल्म ऑस्कर के सेमीफाइनल तक पहुंच गई है।
मुजफ्फरपुर: बिहारी कलाकारों ने आम आदमी के लिए 800 रुपये किलो का मटन खाने की जद्दोजहद को दर्शाने के लिए उपयुक्त फिल्म चंपारण मटन को ऑस्कर के सेमीफाइनल तक पहुंचा दिया है। गुरुवार को, फिल्म की प्रमुख अभिनेत्री फलक खान ने आईटी मंत्री इसराइल मंसूरी से पटना में स्थित आवास पर मुलाकात की।
फलक खान ने उन्हें बताया कि वह भी मुजफ्फरपुर से ही हैं और उनकी फिल्म ऑस्कर के सेमीफाइनल तक पहुंच गई है। आईटी मंत्री ने फलक खान को शुभकामनाएं दी। उन्होंने इस मौके पर बिहार के लोगों के लिए यह गर्व की बात है कि इस फिल्म ने महत्वपूर्ण मानवीय संदेश को उजागर किया। उम्मीद है कि यह फिल्म अपने मनोचित्र में भी सर्वाधिक आकर्षित करेगी।
‘चंपारण मटन’ एक परिवारिक चित्र
फलक खान ने बताया कि ‘चंपारण मटन’ फिल्म एक परिवारिक दृश्य है। इस कहानी में एक व्यक्ति का संघर्ष दिखाया गया है जिसे लॉकडाउन के समय अपनी नौकरी छोड़नी पड़ती है और वह अपने घर वापस जाता है।
उसके बाद, उसने अपनी पत्नी की इच्छा को पूरा करने के लिए प्रयास किया। यह फिल्म ईमानदारी और मेहनत के महत्व को उजागर करती है और सिखाती है कि कभी हार नहीं माननी चाहिए।
इस फिल्म में अन्य स्टार भी बिहार से हैं। अभिनेत्री फलक ने एक्टिंग से पहले एमबीए की पढ़ाई की है और फिर उन्होंने फिल्म उद्योग में कदम बढ़ाया।
सेमीफाइनल में 16 फिल्में
फलक खान ने बताया कि स्टूडेंट्स एकेडमी पुरस्कार में कुल चार कोटि में पुरस्कृत होते हैं। ऑस्कर की प्रतिस्पर्धा में 1700 से अधिक फिल्में थीं, लेकिन केवल 16 फिल्में सेमीफाइनल तक पहुंची। अब इस फिल्म को अमेरिका, अर्जेंटीना, जर्मनी, फ्रांस, और बेल्जियम की फिल्मों के साथ मुकाबला करना है।