शनिवार से रविवार के बीच पांच गुना से भी अधिक रफ्तार बढ़ गई है। उधर प्रयागराज में रविवार की शाम तक यमुना के भारी दबाव के कारण छह सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से गंगा का जलस्तर बढ़ने की सूचना है। फिलहाल गंगा के बढ़ते जलस्तर से राहत मिलने की कोई संभावना नहीं दिखाई दे रही है। केंद्रीय जल आयोग ने इस संबंध में जानकारी दी है।
बक्सर: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में गंगा नदी के ऊपर अचानक यमुना नदी के भारी दबाव के कारण बक्सर में गंगा उफान पर पहुंच गई थी। शनिवार से रविवार तक पांच गुना से अधिक रफ्तार से बढ़ गई थी। प्रयागराज में रविवार की शाम तक यमुना के भारी दबाव के कारण गंगा का जलस्तर छह सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ गया था।
वर्तमान में गंगा के बढ़ते जलस्तर से राहत प्राप्त करने की कोई संभावना नहीं दिख रही है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, बक्सर में शुक्रवार की सुबह आठ बजे जलस्तर में एक सेमी की वृद्धि हुई थी। इस रफ्तार के बाद, देर शाम को तेजी से वृद्धि होने लगी और आधी रात तक रफ्तार बढ़कर दो सेमी तक पहुंच गई।
रविवार के दोपहर से बढ़ी पानी की रफ्तार
शनिवार से लेकर रविवार की सुबह तक पांच सेमी से अधिक रफ्तार से बढ़ रही थी। लेकिन दोपहर के बाद रफ्तार में तेजी आई और शाम होने तक पांच सेमी तक पहुंच गई थी। इस तरह, रविवार की सुबह आठ बजे 56.61 मीटर तक जलस्तर बढ़ा था। सुबह 10 बजे तीन सेमी की रफ्तार से 56.67 मीटर पर पहुंच गई थी।
इसके बाद दोपहर 12 बजे चार सेमी की रफ्तार से 56.75 मीटर तक बढ़ गई और शाम को चार बजे 56.93 मीटर, और शाम पांच बजे पांच सेमी की रफ्तार से 56.98 मीटर पर पहुंच गई थी।
गाजीपुर में बढ़ा गंगा का जलस्तर, नैनी में यमुना में उफान
उसी समय, गाजीपुर में गंगा का जलस्तर चार सेमी और वाराणसी और प्रयागराज में छह सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ गया था। वहीं, नैनी में यमुना का जलस्तर सात सेमी की रफ्तार से बढ़ गया था। मध्य प्रदेश की केन और बेतवा नदियों में तूफानी रफ्तार से वृद्धि होने के कारण यमुना पर भारी दबाव बन गया था। हालांकि, अब केन और बेतवा नदियों का उफान शांत हो गया है, लेकिन दो से तीन दिनों तक निरंतर जलस्तर में वृद्धि की संभावना है।
प्रशासन सतर्क, लोगों से सतर्कता बरतने की अपील
तेजी से बढ़ते गंगा के जलस्तर को देखकर जिला प्रशासन हाई अलर्ट मोड में है। हालांकि, बक्सर में चेतावनी स्तर 59.32 मीटर और खतरे का स्तर 60.32 मीटर पर होने के कारण बाढ़ की स्थिति अभी नहीं है। इसके बावजूद, जिला प्रशासन द्वारा लोगों से पानी में न जाने की अपील की जा रही है। सदर एसडीओ धीरेंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि सुरक्षा और बचाव के लिए एसडीआरएफ की टीम मोटर बोट से गंगा में लगातार गश्त लगा रही है।
भोजपुर: जिले में दो सेमी गंगा और पांच सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा सोन
भोजपुर जिले में भी गंगा नदी रविवार को दो सेंटीमीटर की रफ्तार से और सोन नदी पांच सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही है। इसका कारण गंगा नदी के ऊपरी क्षेत्रों में यमुना नदी के पानी का बढ़ते दबाव है। गंगा के ऊपरी क्षेत्रों में लगातार हो रही भारी वर्षा और यमुना नदी समेत अन्य कई नदियों के जलस्तर में वृद्धि के कारण भोजपुर जिले में भी जलस्तर बढ़ रहा है। रविवार की सुबह से लेकर रविवार की सुबह तक गंगा नदी का जलस्तर लगभग एक सेंटीमीटर से बढ़ गया और 50.56 मीटर से 50.76 मीटर पर पहुंच गया था।
आठ घंटों में 14 सेंटीमीटर वृद्धि
रविवार की सुबह से जलस्तर में वृद्धि की गति तेज हो गई थी। दोपहर तक गंगा नदी का जलस्तर लगभग 50.90 मीटर पर पहुंच गया था। इसका मतलब है कि आठ घंटों में 14 सेंटीमीटर से ज्यादा पानी का जलस्तर बढ़ गया था।
भोजपुर में 53.08 सेमी तक खतरे का स्तर
अगर जलस्तर वृद्धि की गति ऐसी रही तो भोजपुर जिले में बुधवार तक गंगा नदी का जलस्तर 53.08 मीटर तक पहुंच जाएगा। वर्तमान में गंगा का जलस्तर डेंजर लेवल से 2.18 मीटर नीचे था। बड़हरा में गंगा का जलस्तर लगभग 51 मीटर के करीब पहुंचने के बाद केशोपुर के समीप सकुचाही नदी में तेजी से पानी गंगा में प्रवेश कर रहा है। नदी के बढ़ने की गति ऐसी ही रही तो सोमवार की शाम से सकुचाही नदी के सहारे केशोपुर और बखोरापुर गांव के निचले हिस्से में पानी प्रवेश करने लगेगा, जिससे खड़ी फसल प्रभावित हो सकती है।
दो दिनों से लगातार जलस्तर में वृद्धि के कारण आसपास के ग्रामीणों में बाढ़ की चिंता बढ़ी है।
सोन में 17 सेमी तक रफ्तार से बढ़ा जलस्तर
वहीं, गंगा नदी में जहां एक तरफ जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, वहीं दूसरी तरफ सोन नदी में भी तेजी से पानी का जलस्तर बढ़ रहा है। इंद्रपुरी के ऊपरी भागों से लगातार लाखों क्यूसेक पानी छोड़ने के कारण सोन नदी का जलस्तर भी बढ़ रहा है।
सोमवार की सुबह से शाम तक सोन नदी का जलस्तर 17 सेंमी तक बढ़ गया और अब 50.97 मीटर पर पहुंच गया है। इस प्रकार मात्र आठ घंटों में 70 सेंमी पानी का जलस्तर बढ़ गया है। ये तथ्य दिखाते हैं कि बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन और संबंधित अन्य विभागों ने सतर्कता बरतने की अपील की है और प्रतिसाद के रूप में सुरक्षा उपायों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
इस तरह की खबरें अक्सर बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रति सतर्कता और तत्परता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होती हैं। लोगों को जागरूक करने और सुरक्षित रहने के उपायों के बारे में जानकारी प्रदान करने में इन खबरों का महत्व होता है।