बीजेपी नेता ने कांग्रेस के सीनियर लीडर सैम पित्रोदा पर सरकारी जमीन कब्जाने का आरोप लगाया है। इसके बाद इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के प्रमुख सैम पित्रोदा ने कहा कि उनके पास भारत में ना कोई जमीन है ना ही घर है और ना ही ही उन्होंने यहां किसी तरह के शेयर खरीद रखे हैं। पित्रोदा ने कहा कि इसके अलावा 1980 के दशक के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और 2004 से 2014 के बीच डॉ. मनमोहन सिंह के समय में भारत सरकार के साथ काम करने के दौरान वेतन भी नहीं लिया था। सैम ने कहा कि मैंने अपने 83 साल के जीवन में कभी भी भारत में या फिर किसी अन्य देश में ना तो रिश्वत ली है और ना दी है। इसलिए मेरे बारे में जो भी कहा जा रहा है वो गलत है।
सैम पित्रोदा को लेकर क्या है मामला?
बीजेपी नेता ने ईडी के सामने की गई शिकायत में कहा है कि पित्रोदा ने 23 अक्तूबर 1993 को मुंबई में फाउंडेशन फॉर रिवाइटैलाइजेशन ऑफ लोकल हेल्थ ट्रेडिशंस के नाम से एक संस्था रजिस्टर्ड कराई। बीजेपी नेता के मुताबिक पित्रोदा ने कर्नाटक वन विभाग से मेडिसन हर्बल एंड रिसर्च के लिए लीज पर आरक्षित वन क्षेत्र अलॉट करने का अनुरोध किया था। उसके बाद वन विभाग ने 1996 में उन्हें पांच साल के लिए लीज पर वन विभाग की पांच हेक्टेयर जमीन आवंटित की थी। 2001 में लीज की अवधि खत्म होने पर विभाग ने इसे 10 साल के लिए बढ़ा दिया था। बीजेपी नेता का दावा है कि दो दिसंबर 2011 को लीज की अवधि खत्म होने के बाद इसे बढ़ाया नहीं गया। विभाग को 12.35 एकड़ की इस सरकारी जमीन को उनसे रिक्लेम करना चाहिए था लेकिन बीते 14 साल में ऐसा नहीं किया गया। बीजेपी नेता ने ईडी से कहा है कि इस मामले में शामिल सभी लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला शुरू किया जाए।