लोकसभा में 13 फरवरी को जेपीसी की रिपोर्ट को पेश कर दिया गया। जगदंबिका पाल की अगुवाई में संयुक्त संसदीय की रिपोर्ट को पेश किया गया। वक्फ बिल पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि बीजेपी को बस वोट चाहिए। पहले उन्होंने धारा 370 के नाम पर ऐसा किया, फिर मंदिर-मस्जिद विवाद और अब वक्फ बिल लेकर आए हैं। वहीं AIMIIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि ये वक्फ बिल मुसलमानों को बर्बाद करने के लिए लाया जा रहा है। ये असंवैधानिक है, मुसलमानों को अपनी वर्शिप से दूर करने के लिए सरकार बिल ला रही है। इस बिल पर बस के लिए ऐसे लोगों को बुलाया गया था जिनका बिल से कोई लेना देना नहीं था। सरकार मस्जिद, कब्रिस्तान और दरगाह को मुसलमानों से छीनने के लिए ये बिल लेकर आई है।
समाजवादी पार्टी ने उठाए सवाल
वक्फ बिल पर JPC की रिपोर्ट लोकसभा में पेश किए जाने को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा कि इस विधेयक के बारे में विपक्ष के सुझावों को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया। ये विधेयक देश के अहम मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए पेश किया गया है। हमने न केवल इस विधेयक का विरोध किया है बल्कि इसका बहिष्कार भी किया है और इसे किसी भी हालत में पारित नहीं होने दिया जाएगा। विपक्षी नेताओं का कहना है कि सरकार ने जेपीसी रिपोर्ट से उनके विरोध के हिस्से को हटा दिया है जिस पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि अगर किसी सदस्य के आपत्ति है तो वे समिति के अध्यक्ष के सामने अपील कर सकते हैं। रिजिजू ने कहा कि ये कहना गलत है कि विपक्ष के असहमति नोट को रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया। सभी असहमित नोट रिपोर्ट में शामिल किए गए हैं। सिर्फ कुछ हिस्से हटाए गए जो संदेह पैदा करते हैं उन्हें हटाया गया है यह पूरी तरह नियमों के अनुसार हुआ है।