ईरान-इस्राइल टकराव: क्या अमेरिका की मदद से थम जाएगा खूनखराबा?

ईरान ने इस्राइल पर 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, जिसके बाद अमेरिका ने इस्राइली बलों के साथ मिलकर प्रभावी कार्रवाई की। क्या यह तनाव और बढ़ेगा या अमेरिका की मदद से स्थिरता लौटेगी? जानिए इस जटिल स्थिति के पीछे के कारण और संभावित परिणाम।

ईरान-इस्राइल तनाव: अमेरिकी प्रतिक्रिया और भविष्य की रणनीतियाँ

अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने बुधवार को ईरान-इस्राइल तनाव पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने जानकारी दी कि ईरान ने इस्राइल में लगभग 200 बैलिस्टिक मिसाइलें दागी हैं। इस हमले के मद्देनजर, संयुक्त राज्य अमेरिका ने इस्राइली रक्षा बलों के साथ मिलकर उनकी रक्षा में सहयोग किया। अमेरिकी नौसैनिक विध्वंसक ने इजरायली वायु रक्षा इकाइयों के साथ मिलकर इन मिसाइलों को गिराने के लिए इंटरसेप्टर फायरिंग की।

सुलिवन ने प्रेस वार्ता में कहा, “हम हमले के प्रभाव का आकलन करने के लिए आईडीएफ और इस्राइल में अधिकारियों के साथ काम कर रहे हैं। फिलहाल, इस्राइल में किसी भी मौत की सूचना नहीं है। हालांकि, हम वेस्ट बैंक के जेरिको में एक फलस्तीनी नागरिक की कथित मौत की जांच कर रहे हैं। हमारे पास इस्राइल के विमान या सैन्य संपत्तियों को नुकसान पहुंचने की कोई जानकारी नहीं है। ऐसा प्रतीत होता है कि यह हमला विफल और अप्रभावी रहा है, जो कि आईडीएफ की व्यावसायिकता और अमेरिकी सेना की रणनीतिक योजना का परिणाम है।”

सुलिवन ने आगे कहा, “हम जाफा में हुए एक आतंकवादी हमले की भी जानकारी रखते हैं, जिसमें कई इस्राइली नागरिकों की जान गई और अन्य घायल हुए। हमारी संवेदनाएं पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं। हम आगे की जानकारी इकट्ठा करने के साथ-साथ आवश्यकतानुसार समायोजन करने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं। यह एक विकट स्थिति है। हम इस्राइल के साथ आगामी कदमों पर परामर्श करेंगे और ईरान द्वारा उत्पन्न खतरों की निगरानी जारी रखेंगे, विशेष रूप से अमेरिकी सेवा सदस्यों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए।”

इस बीच, ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स ने दावा किया है कि इस ऑपरेशन के तहत, इस्माइल हानिया और हसन नसरल्ला के खिलाफ हत्या की साजिश रचने वाले केंद्रों के साथ-साथ हिजबुल्ला और इस्लामिक रेजिस्टेंस ऑफ फलस्तीन (आईआरजीसी) के सैन्य कमांडरों को निशाना बनाया गया। आईआरजीसी ने इस्राइल के खिलाफ इस सैन्य अभियान का नाम ‘ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस’ रखा है।

इजरायली रक्षा बलों ने मंगलवार रात येरुसलम में दागी गईं सैकड़ों ईरानी मिसाइलों की फुटेज जारी की। आईडीएफ ने कहा कि उसने ईरान से लॉन्च की गई 180 बैलिस्टिक मिसाइलों में से बड़ी संख्या को रोक दिया। आईडीएफ के अनुसार, हिजबुल्ला इस बात से परेशान है कि आईडीएफ ने उनकी योजना को उजागर कर दिया है, जिसके कारण उन्होंने निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाने के लिए रॉकेटों की बौछार करने का निर्णय लिया।

मेरी राय

ईरान-इस्राइल तनाव की गंभीरता और उसके निहितार्थ को स्पष्ट रूप से दर्शाया गया है। हालाँकि, यह ध्यान में रखना आवश्यक है कि ऐसे घटनाक्रमों से न केवल क्षेत्रीय स्थिरता प्रभावित होती है, बल्कि वैश्विक सुरक्षा पर भी इसका गहरा प्रभाव पड़ता है। अमेरिका और इस्राइल के बीच सहयोग इस संकट को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण हो सकता है, लेकिन यह भी आवश्यक है कि दीर्घकालिक समाधान और संवाद की दिशा में कदम उठाए जाएँ, ताकि भविष्य में इस तरह के संघर्षों को रोका जा सके।

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