प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज छह नई वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाई, जो बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के प्रमुख मार्गों पर चलेंगी। इन ट्रेनों से यात्रियों को तेज़ रफ्तार, आधुनिक सुविधाएं और बेहतर सुरक्षा का लाभ मिलेगा। 2019 में शुरू हुई वंदे भारत ट्रेनें अब 60 हो गई हैं और रोज़ 24 राज्यों के 280 जिलों में सेवाएं दे रही हैं। रेलवे मंत्रालय के अनुसार, वंदे भारत ट्रेनों ने अब तक 3.17 करोड़ यात्रियों को सफलतापूर्वक उनके गंतव्य तक पहुंचाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश को छह नई वंदे भारत ट्रेनों का तोहफा दिया। इन ट्रेनों को वर्चुअल माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। रेलवे मंत्रालय के अनुसार, इन ट्रेनों के शुरू होने से यात्री सुविधा, सुरक्षा और संपर्क सेवाओं में उल्लेखनीय सुधार होगा। अब वंदे भारत ट्रेनों की कुल संख्या 54 से बढ़कर 60 हो गई है। इसके परिणामस्वरूप, वंदे भारत ट्रेनें रोज़ाना 120 फेरे लगाते हुए 24 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 280 से अधिक जिलों को कवर करेंगी।
किन मार्गों पर चलेंगी नई ट्रेनें?
नई वंदे भारत ट्रेनें टाटानगर-पटना, ब्रह्मपुर-टाटानगर, राउरकेला-हावड़ा, देवघर-वाराणसी, भागलपुर-हावड़ा और गया-हावड़ा जैसे मार्गों पर संचालित होंगी। इसका सीधा लाभ बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के यात्रियों को मिलेगा, जिससे उनकी यात्रा और अधिक सुगम और सुविधाजनक हो जाएगी। पहली वंदे भारत ट्रेन की शुरुआत 15 फरवरी, 2019 को हुई थी। ये ट्रेनें 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की क्षमता रखती हैं, जो कि भारतीय रेलवे के लिए एक बड़ा तकनीकी उन्नयन है।
3.17 करोड़ से अधिक यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया
रेलवे मंत्रालय के अनुसार, 14 सितंबर 2024 तक वंदे भारत ट्रेनों ने कुल 36,000 यात्राएं पूरी की हैं और 3.17 करोड़ से अधिक यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया है। वंदे भारत की नई 2.0 संस्करण ट्रेनें पहले से भी अधिक तेज़, सुरक्षित और आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं, जिनमें कवच सुरक्षा प्रणाली, एंटी-वायरस सिस्टम और वाईफाई जैसी सुविधाएं शामिल हैं।
पीएमओ का बयान:
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वंदे भारत ट्रेनें भारतीय रेल के कनेक्टिविटी नेटवर्क का तेजी से विस्तार कर रही हैं और यात्रियों के लिए बेहतरीन सेवाएं उपलब्ध करा रही हैं। ये स्वदेशी रूप से डिजाइन की गई ट्रेनें ‘मेक इन इंडिया’ पहल का हिस्सा हैं और लाखों यात्रियों को आरामदायक और अत्याधुनिक यात्रा का अनुभव प्रदान करती हैं।