Uttarakhand: मुख्यमंत्री धामी का ऐतिहासिक GEP लॉन्च; कहा- उत्तराखंड ऐसा करने वाला दुनिया का पहला राज्य

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में सकल पर्यावरण उत्पाद (जीईपी) लॉन्च कर पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत की है। इस पहल के साथ, उत्तराखंड दुनिया का पहला राज्य बन गया है जहाँ इस सूचकांक को लागू किया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज सकल पर्यावरण उत्पाद (जीईपी) लॉन्च किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रेस वार्ता में बताया कि उत्तराखंड दुनिया का पहला राज्य है, जहां जीईपी लॉन्च किया गया है।

मुख्यमंत्री ने इसे ऐतिहासिक दिन बताते हुए कहा कि हमारे पूर्वज हमें अच्छी वायु और जल स्रोत देकर गए हैं, और पूरा वायुमंडल शुद्ध वायु से आच्छादित है। यह सूचकांक बताता है कि हम विकास के साथ-साथ पर्यावरण को भी संरक्षित कर रहे हैं।

आगे आने वाले वर्षों में इस स्थिति को बनाए रखना हमारी चुनौती होगी। ग्रीन बोनस की मांग के बावजूद, पिछले तीन वर्षों के आंकड़े हमारे लिए बेहतर परिणाम लाएंगे। नीति आयोग और भारत सरकार में यह सूचकांक हमारे लिए महत्वपूर्ण होगा। कई गाड़ गदेरे सूख गए हैं, और हम उनके पुनर्जीवन पर काम कर रहे हैं। साथ ही, हमारे पास कई शहरों की धारण क्षमता की जानकारी भी प्राप्त हो गई है।

नीति आयोग और मुख्यमंत्री कॉन्क्लेव में हम राज्य से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे। हमारी 1.25 करोड़ जनसंख्या के बावजूद, पर्यटन और तीर्थयात्रा के चलते आठ करोड़ से अधिक लोग हमारे राज्य में आते हैं। इसलिए, हमें विकास के लिए अलग फॉर्मूला और बजट की आवश्यकता है। देश के लिए एक ही योजना लागू नहीं होनी चाहिए। हमारी कुछ नदियाँ पहले सदानीरा थीं लेकिन अब सूख गई हैं, और हम उन्हें एक-दूसरे से जोड़ने का काम करेंगे।

कांवड़ यात्रा:

यूपी के बाद उत्तराखंड में भी कांवड़ मार्ग पर दुकानदारों को मालिक का नाम लिखना अनिवार्य होगा। इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। सीएम धामी ने कहा कि हमने बैठक में यह तय किया था कि लोग अपनी पहचान के साथ काम करें। इसमें कोई आपत्ति नहीं है। हमारा राज्य भाईचारे वाला है और लोग मिल-जुलकर रहते हैं। इसलिए, कांवड़ मार्ग पर नाम लिखने में कोई बुराई नहीं है।

चारधाम पर राजनीति पर टिप्पणी:

केदारनाथ धाम से संबंधित 228 किलो सोने के मामले में सीएम धामी ने कहा कि वे इस पर टिप्पणी नहीं करना चाहते, क्योंकि हमारे पूजनीय संत और मंदिर समिति पहले ही कह चुके हैं कि यह तथ्यहीन है। मैं राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं कि चारधाम पर राजनीति न करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *