इस्राइल-हमास युद्ध के बाद, अब ईरान-इस्राइल के बीच युद्ध की चिंता बढ़ रही है। इस हालत में अमेरिका की भूमध्य सागर में विध्वंसक पोत तैनात करने के बाद भी सिर मथाने वाले हैं। इस लड़ाई के दौरान क्या-क्या हो रहा है, जानिए इस लेख में।
इस्राइल-हमास युद्ध के बाद, अब इस्राइल-ईरान के बीच युद्ध की चिंता भी उभर रही है। इस चुनौती का सामना करने के लिए, इस्राइल ने अपनी कमर कस ली है। हाल ही में सीरिया में ईरान के दूतावास पर हुए हमले में दो ईरानी जनरलों की मौत हो गई थी। इससे ईरान को भय और चिंता का सामना है, और उसने हमले का आरोप इस्राइल पर लगाया है। साथ ही, ईरान ने जवाबी कार्रवाई की धमकी भी दी है।
अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस्राइल को चेताया है कि वह जल्द ही ईरान के हमले की उम्मीद कर रहे हैं। मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, अगले 24 घंटों के भीतर ईरान की तरफ से यहूदी धरती पर ड्रोन और मिसाइल से हमले की संभावना है। ईरान के पास अपनी सीमाओं से 2000 किमी तक अपने लक्ष्य पर हमला करने के लिए बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों की एक बड़ी संख्या है।
इस्राइल को बचाने के लिए, अमेरिका ने मदद का हाथ बढ़ाया है। भूमध्य सागर में, अमेरिका ने अपनी नौसेना की विध्वंसक पोत को तैनात किया है। एक यूएसएस कार्ने भी है, जिसे लाल सागर में हूती ड्रोन और जहाज रोधी मिसाइलों को रोकने के लिए तैनात किया गया था। अमेरिका ने क्षेत्र में युद्ध को रोकने के लिए अपने राजनायिक प्रयासों को भी दोगुना कर दिया है। अमेरिका ने स्विस चैनलों के माध्यम से लगातार ईरान को संदेश भेज रहा है। बाइडेन ने अमेरिका सेंट्रल कमांड के अधिकारी जनरल माइकल कुरिला को इस्राइल के साथ वार्ता के लिए भेजा है।
क्या है मामला?
एक अप्रैल को सीरिया में ईरान के दूतावास पर हमला हुआ था। इस हमले में दूतावास का एक हिस्सा पूरी तरह ध्वस्त हो गया था। वहीं, ईरान के दो शीर्ष सैन्य जनरल और पांच अन्य अधिकारी भी मारे गए थे। ईरान ने इस हमले का आरोप इस्राइल पर लगाया है और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। इस्राइली विदेश मंत्री ने जवाब में कहा था कि अगर ईरान हमला करता है, तो वह कड़ा जवाब मिलेगा।