उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव की तारीखें घोषित, चुनावी माहौल में हलचल। भाजपा और कांग्रेस की प्रतिस्पर्धा, उम्मीदवारों की घोषणा, और मतदाताओं की संख्या। पढ़ें और जानें किस पक्ष की चल रही है जीत की कहानी!
लोकसभा चुनाव को लेकर भारतीय निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है। उत्तराखंड में पहले चरण में 19 अप्रैल को पांचों सीटों पर मतदान होगा। वहीं, मतगणना 4 जून को होगी।
2019 में भी उत्तराखंड में पहले चरण में ही 11 अप्रैल को वोटिंग हुई थी। तब कुल 57.09 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था। यह आंकड़ा 2014 के लोकसभा चुनाव की तुलना में कम था। नैनीताल संसदीय क्षेत्र में सबसे अधिक 66.39 प्रतिशत और पौड़ी में सबसे कम 48.78 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि 2014 में 62.15 प्रतिशत मतदान हुआ था।
प्रदेश में चुनावी आयोग द्वारा आचार संहिता भी लागू की गई है। राज्य में पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव होने हैं, जिनमें तीन सीटें गढ़वाल और दो सीटें कुमाऊं मंडल में हैं।
चुनावी कार्यक्रम:
- 20 मार्च: अधिसूचना जारी होगी
- 27-28 मार्च: नामांकन
- 28-30 मार्च: नामांकन पत्रों की जांच
- 30 मार्च से 2 अप्रैल: नाम वापसी
- 19 अप्रैल: मतदान
भाजपा ने पांच सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। टिहरी गढ़वाल सीट से माला राज्यलक्ष्मी शाह, नैनीताल सीट से अजय भट्ट, और अल्मोड़ा सीट से अजय टम्टा को उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं, पौड़ी गढ़वाल सीट पर सांसद और पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी और हरिद्वार से पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पर भाजपा द्वारा दांव लगाया गया है।
कांग्रेस ने उत्तराखंड की तीन लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की है। टिहरी गढ़वाल सीट से जोत सिंह गुनसोला, पौड़ी सीट से गणेश गोदियाल, और अल्मोड़ा से प्रदीप टम्टा को उम्मीदवार बनाया गया है। दो सीटों पर अभी भी सस्पेंस बना है।
उत्तराखंड में मतदाताओं की संख्या:
- कुल मतदाता: 83,21,207 लाख
- पुरुष मतदाता: 43.08 लाख
- महिला मतदाता: 40.12 लाख
- थर्ड जेंडर: 297
- 85 साल से ऊपर मतदाता: 65,177
- युवा मतदाता: 1,45,202
- दिव्यांग मतदाता: 79,965
- पोलिंग स्टेशन: 11,729
- कुल सर्विस मतदाता: 93,357