UNSC: सुधार और समृद्धि की ओर भारत का अगला कदम; बताया किन देशों को और कैसे मिलना चाहिए प्रतिनिधित्व

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार की बातचीत में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसमें भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने उदार योजनाओं का समर्थन किया है, जिससे सुरक्षा परिषद को और लोकतांत्रिक और समृद्धिकरण-योग्य बनाने की संभावना है।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की विस्तृत योजना पेश की है। इस प्लान को भारत ने जी4 देशों की तरफ से प्रस्तुत किया है, जिसमें कई महत्वपूर्ण सुधारों की सिफारिश की गई है जो, यदि लागू होते हैं, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को ज्यादा लोकतांत्रिक और समृद्धिकरण-योग्य बना सकते हैं। इस योजना में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने भी शामिल होकर अपने सुझाव प्रस्तुत किए हैं।

भारत द्वारा प्रस्तुत सुझाव:

  1. सुरक्षा परिषद के सदस्यों की संख्या को मौजूदा 15 से बढ़ाकर 25-26 करने की सिफारिश की गई है।
  2. योजना में छह स्थायी सदस्यों और चार या पांच अस्थायी सदस्यों को शामिल करने की सलाह दी गई है।
  3. छह नए स्थायी सदस्यों में से दो अफ्रीकी राज्यों, एक लैटिन अमेरिकी राज्य, एक पश्चिमी यूरोपीय राज्य, और एक कैरेबियाई राज्य को समाहित करने का प्रस्ताव किया गया है।

मौजूदा व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता:

  1. मौजूदा व्यवस्था में स्थायी और अस्थायी सदस्यों में प्रतिनिधित्व की कमी है, जिससे सुरक्षा परिषद की प्रभावी नीतियों की गठन में रुकावट है।
  2. सुधार के लिए सुझाव दिया गया है कि सभी देशों का समान प्रतिनिधित्व होना चाहिए, जिससे न्यायपूर्ण और समावेशी निर्णय हो सके।
  3. नए स्थायी सदस्यों को वीटो का अधिकार होगा, लेकिन उन्हें मुद्दे की पूरी समीक्षा के बाद ही इसका इस्तेमाल करने का अधिकार होगा।

फ्रांस और अमेरिका ने भी भारत के सुरक्षा परिषद में शामिल होने का समर्थन किया है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि यह योजना विश्वभर में स्थिरता और शांति की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

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