China: बांध विरोध; बौद्ध भिक्षुओं और स्थानीय लोगों का साहसी संघर्ष, 100 लोग गिरफ्तार

चीन में सड़कों पर उठी हलचल, जहां बांध निर्माण के खिलाफ प्रदर्शन में सहज लोगों और बौद्ध भिक्षुओं ने दिखाया साहस और सामरिकता का परिचय। सुरक्षा बलों के द्वारा गिरफ्तार होने वाले 100 से अधिक व्यक्तियों में तिब्बत के भिक्षुओं का भी शामिल होना चौंकाने वाला है। इस आंदोलन ने बाधित होने की आशंका, धर्मिक स्थलों के डूबने का खतरा, और आपत्ति की बढ़ती भावना को उजागर किया है।

चीन अक्सर अपने आक्रामक रुख के लिए सुर्खियों में रहता है। रोज़मर्रा की बात है कि चीन अपने पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवादों को लेकर हर समय हलचल मचाता रहता है। इस बार दक्षिण-पश्चिमी सिचुआन प्रांत में एक विशाल बांध के निर्माण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में चीन के सुरक्षा बलों ने 100 से अधिक बौद्ध भिक्षुओं और स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया है। बौद्ध मठों के प्रति उनकी आक्रमणी ने स्थानीय लोगों के बीच चिंता और आपत्ति की भावना को बढ़ा दिया है।

इस बवाल में, सरकारी दावे के बावजूद, स्थानीय लोगों और बौद्ध भिक्षुओं का कहना है कि बांध का निर्माण अगर हुआ तो यह जलमार्गों में उच्चारित होने वाले छह बौद्ध मठों को डूबा सकता है और दो गांवों को बाधित कर सकता है।

बांध परियोजना के खिलाफ उठी आवाज ने चीन में बवाल मचा दिया है। गौरतलब है कि गार्जे तिब्बती स्वायत्त प्रांत में डेगे काउंटी के वांगबुडिंग टाउनशिप की सड़कों पर स्थानीय लोगों ने 2240 मेगावाट के गंगटुओ जलविद्युत स्टेशन परियोजना का विरोध किया है। इसके परिणामस्वरूप, चीनी सुरक्षा बलों ने 14 फरवरी से शुरू हुए प्रदर्शन में शामिल 300 से अधिक तिब्बती लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें कई बौद्ध भिक्षु भी शामिल हैं। यह आंदोलन सिचुआन प्रांत में कारगिले तिब्बती स्वायत्त प्रांत में आया है, जो तिब्बती जनसंख्या के बड़े हिस्से को शामिल करता है।

बांध के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सुरक्षा बलों का प्रयास है उन्हें रोकने का। सुरक्षा अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें, काली मिर्च स्प्रे जैसे चीजों का इस्तेमाल किया है। वीडियो में दिखाया गया है कि भिक्षुओं को सुरक्षा अधिकारियों के सामने झुकना पड़ रहा है, जबकि बांध के खिलाफ विरोध कर रहे व्यक्तियों को जबरन रोका जा रहा है।

गंगटुओ जलविद्युत बांध के निर्माण से उपरी वोंटो और शिपा गांवों, येना, वोंटो, खारधो मठों और चामडो टाउनशिप में रबटेन, गोंसार और ताशी मठों के पुनर्वास को मजबूर होना पड़ेगा।

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