मध्य प्रदेश: MP मंत्रिमंडल के गठन पर लगी मुहर, 28 नेताओं ने ली मंत्रीपद की शपथ

MP News: नई सरकार के गठन के दो हफ्ते बाद, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने अपनी कैबिनेट का सोमवार को विस्तार कर दिया। उन्होंने राज्यपाल मंगूभाई पटेल के सामने 28 नेताओं को मंत्री पद की शपथ दिलाई, जिसमें 18 कैबिनेट मंत्री, 4 राज्यमंत्री, और 6 स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री शामिल हैं।

हालांकि, कई दिग्गज नेताओं को कैबिनेट में जगह नहीं मिली है, और इसके बावजूद कांग्रेस से बीजेपी में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे को भी विशेष तवज्जो नहीं मिली है। सिंधिया के करीबी jरहे सिर्फ 4 नेताओं को मोहन यादव की कैबिनेट में जगह मिली है, जबकि पिछली शिवराज सरकार में 35 फीसदी मंत्री उनके कोटे के थे।

सिंधिया के तीन करीबी नेता ही बने मंत्री
मोहन यादव की बीजेपी सरकार में जिन 28 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई है, उसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के सिर्फ चार करीबी नेता ही मंत्री बने हैं: प्रदुमन सिंह तोमर, तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, और एदल सिंह कसाना। इसमें सिंधिया के गुट के 8 पूर्व मंत्रियों में से केवल तीन ने इस बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की है, जबकि तीनों को हार का सामना करना पड़ा है।

शिवराज सरकार में था सिंधिया का दबदबा
साल 2020 में जब शिवराज सिंह सरकार बनी थी, तब सिंधिया के 11 करीबी नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। उन्होंने गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह जैसे दिग्गज नेताओं को भी विभिन्न मंत्री पदों पर नियुक्त किया था। इस बार यह स्थिति बदल गई है, और बीजेपी ने अपने दम पर सरकार बनाई है, जिसके कारण सिंधिया समर्थकों पर ज्यादा निर्भरता नहीं है।

सिंधिया को लगा बड़ा झटका
इस बार चुनाव में सिंधिया समर्थकों के चलते ही बीजेपी की सरकार बनी थी, जिसके चलते उन्हें कैबिनेट में खास अहमियत दी गई थी। लेकिन इस बार के समीकरण बदल गए हैं और बीजेपी ने जातीय और क्षेत्रीय समीकरण को साधने के लिए मंत्रिमंडल का विस्तार किया है।

विधायकों की संख्या में कमी
सिंधिया गुट के लोगों को मंत्री बनाने में कमी होने के बावजूद, उनके गुट के विधायकों में से 14 ने इस बार विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की हैं। इसके अलावा छह विधायक भी बनने में सफल रहे हैं, लेकिन उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं मिली है।

इस तरह, शिवराज सिंह चौहान के करीबी माने जाने वाले गोपाल भार्गव और भूपेंद्र सिंह को मंत्री पदों पर नहीं बनाया गया, जो पहले सिंधिया के समर्थक थे। इसके बावजूद, विधायकों के बीजेपी गठबंधन में शामिल होने के कारण, सरकार ने विभिन्न सामाजिक और जिला स्तरीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए मंत्रिमंडल को तैयार किया है।

कैबिनेट मंत्री पद की शपथ
कैलाश विजयवर्गीय
प्रहलाद सिंह पटेल
राकेश सिंह
करण सिंह वर्मा
राव उदय प्रताप सिंह
विजय शाह
संपतिया उइके
तुलसीराम सिलावट
एंदल सिंह कंसाना
निर्मला भूरिया
गोविंद सिंह राजपूत
विश्वास सारंग
नागर सिंह चौहान
नारायण सिंह कुशवाह
प्रद्युमन सिंह तोमर
राकेश शुक्ला
चेतन काश्यप
इंदर सिंह परमार
राज्य मंत्री के रूप में शपथ
राधा सिंह
प्रतिमा बागरी
दिलीप अहिरवार
नरेन्द्र शिवाजी पटेल

ये विधायक बने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)
दिलीप जायसवाल
गौतम टेटवाल
लखन पटेल
कृष्णा गौर
धर्मेंद्र लोधी
नारायण सिंह पवार

पहली बार जीतकर आए 6 विधायक मंत्री बने
प्रहलाद सिंह पटेल
राकेश सिंह
संपतिया उइके
नरेंद्र पटेल
प्रतिमा बागरी
राधा सिंह

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