uttrakhand news: गुरुवार सुबह मामूली रुकावट दूर होने के बाद,सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों का बचाव अभियान फिर से पटरी पर आ गया है और अधिकारियों का अनुमान है कि श्रमिकों तक पहुंचने में लगभग 14-15 घंटे लगेंगे। जबकि बचावकर्मियों ने लोगों को बचाने के लिए एक साथ पांच ऑपरेशनों पर काम करना शुरू कर दिया था, सिल्क्यारा छोर पर हुआ ऑपरेशन सबसे आशाजनक है।
बचाव कार्य को लेकर उत्तराखंड सरकार के ओएसडी भास्कर खुल्बे ने कहा है कि ऑगर मशीन ने ड्रिलिंग फिर से शुरू कर दी है और गुरुवार को छह मीटर पाइप को मलबे के अंदर धकेल दिया गया है। 39 मीटर के अलावा जो पहले ही ड्रिल किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि मलबे में अब तक 45 मीटर की ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है. खुल्बे ने आगे कहा कि ड्रिलिंग एक महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर चुकी है।
राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के प्रबंध निदेशक (एमडी) महमूद अहमद ने कहा कि 800 मिमी व्यास वाले पाइप को दूरबीन विधि का उपयोग करके 900 मिमी व्यास वाले पाइप में डाला गया है। इस पाइप को पहले 39 मीटर की लंबाई तक मलबे में धकेला गया था लेकिन ड्रिलिंग मशीन खराब हो जाने के कारण इसे मलबे के बाकी हिस्से में और धकेलने की योजना रद्द कर दी गई।
ऑगर मशीन का संचालन अब फिर से शुरू हो गया है और शेष क्षेत्र में तेज गति से ड्रिलिंग का काम चल रहा है। सिल्कयारा छोर पर जिस मलबे में मजदूर फंसे हैं, उसकी कुल मोटाई करीब 55 मीटर है, जिसका मतलब है कि बचाव दल उनके करीब पहुंच रहा है. अहमद ने कहा कि बडकोट छोर से क्षैतिज ड्रिलिंग का काम भी चल रहा है और गुरुवार को तीसरा विस्फोट किया गया. उन्होंने कहा कि इस छोर से भी आठ मीटर ड्रिलिंग पूरी कर ली गयी है।
मुख्यमंत्री धामी ने आज सिलक्यारा, उत्तरकाशी पहुंचकर बौख नाग देवता की पूजा कर सभी श्रमिकों की कुशलता हेतु प्रार्थना की। उन्होंने उत्तरकाशी के सिलक्यारा में निर्माणाधीन टनल में फंसे श्रमिकों में से गब्बर सिंह नेगी एवं सबा अहमद से बात की और उनका हाल चाल जाना। दोनों श्रमिकों ने मुख्यमंत्री को सभी श्रमिकों के सुरक्षित होने की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने श्रमिकों को प्रधानमंत्री द्वारा निरंतर उनकी वस्तुस्थिति के बारे में जानकारी लेने एवं बचाव कार्यों की मॉनिटरिंग किए जाने के बारे में भी अवगत कराया। उन्होंने कहा कि बचाव कार्य सही दिशा में संचालित है और शीघ्र ही सभी श्रमिक भाई सुरक्षित बाहर आकर अपने परिजनों के साथ होंगे।
सीएम और देश भर की दुआएं काम कर गई। दो हफ्तों से अधिक टनल में फंसे मजदूरों को आखिरकार कड़ी मेहनत के बाद सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।